maha shivaratri 2022 : महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म के बड़े धार्मिक पर्वो में से एक है। कल यानी 1 मार्च को पूरे देश में महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के मौके पर हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जिसके लिए दो देश आपस में भीड़ गए थे। हम बात कर रहे है कंबोडिया और थाईलैंड की। मामला इनता गंभीर हो गया था कि मामले का फैसला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में किया गया था। तो आईए आपकों बताते है कि मंदिर का फैसला किस देश के पक्ष में कोर्ट ने दिया था।
छठवीं शताब्दी में बना था शिवमंदिर
यह शिव मंदिर छठवीं शताब्दी में खामेर वंश के राजाओं ने बनवाया था। यह विशाल शिव मंदिर कंबोडिया और थाईलैड की सीमा के बीच बना हुआ है। इस मंदिर को प्रीह विहार नाम से जाना जाता है। प्राचीन और मध्यकाल में मंदिर को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ, क्योंकि उस दौर में देशों की सीमाएं निर्धारित नहीं हुई थी। वही काफी लंबे समय तक लोगों को मालूम नहीं था कि यह विशाल मंदिर पर्वत पर मौजूद है। लेकिन 19वीं सदी के अंत में इस मंदिर को एक विदेश व्यक्ति ने खोज निकाला था और तभी से मंदिर पर अपने हक को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद शुरू हो गया।
मंदिर को लेकर हुआ विवाद
1904 में थाईलैंड और कंबोडिया ने मिलकर एक ज्वाइंट कमीशन बनाया था, जो दोनों देशों के बीच पर्वत श्रृंखला पर सीमाओं का निर्धारण करना था। कमीशन ने साल 1907 में सर्वे शुरू किया। सीमा बंटवारे का नक्शा फ्रांसीसी अधिकारियों ने कुछ इस अंदाज में बनाया की मंदिर कंबोडिया में चला गया। लेकिन मंदिरों को लेकर विवाद जारी रहा। साल 1954 में थाईलैंड ने हमला कर मंदिर अपने कब्जे में कर लिया। जिसका कंबोडियो ने विरोध जताया और इंटरनेशन कोर्ट की शरण ली। इसके बाद मंदिर का विवाद राजनीतिक मुद्दा बन गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों देशों के राजनयिक संबंध खराब हो गए।
कंबोडिया के पक्ष में आया था फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान थाईलैंड की और से पूर्व ब्रिटिश अटॉर्नी जनरल सर फ्रैंक सोसकिके वकील थे। तो वही कंबोडिया की ओर से अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री डीन ऐकेसन वकील थे। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दोनो दिग्गजों के बीच काफी बहश हुई। विवदा काफी लंबा चला इसके बाद साल 1962 में फैसला सुनाया गया और फैसला कंबोडिया के पक्ष में आया। सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने थाईलैंड को आदेश दिया की वह सभी लूटी हुई संपत्ति भी वापस करें।