Mahashivratri : महाशिवरात्रि का पर्व आने ही वाला है। अगले मंगलवार को पूरे देश में महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। शिवरात्रि के दिन शिव भक्तें में काफी उत्साह देखा जाता है। शिवरात्रि को मौके पर मंदिरों में हवन पूजन तो कही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जो दुनिया का एक अनोखा मंदिर है। हम जिस मंदिर की बात कर रहे है उस मंदिर को भूल भुलैया वाला शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
भूल भुलैया वाले इस शिव मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु संतान प्राप्ती की मन्नत लेकर आते है। माना जाता है कि मंदिर में मिलने वाली खीर खाने से संतान की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में श्रावण मास और शिवरात्रि के मौके पर बाबा के दरबार में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम से करीब 30 किमी की दूरी पर बिलपांक ग्राम में स्थित है। यहां महाशिवरात्रि पर मेला भी लगता है।
खीर खाने से मिलता है संतान प्राप्ति का आशीर्वाद
मान्यता है कि बाबा महादेव के दरबार से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया। मंदिर में महाशिवरात्रि पर यहां 5 दिवसीय हवन किया जाता है। हवन की आहुतियों के दौरान हवन कुंड के ऊपर खीर को बांधकर लटकाया जाता है। बताया जाता है कि हवना कि आहुतियों से खीर को भगवान विरुपाक्ष का आशीर्वाद मिलता है। इस प्रसाद को महाशिवरात्रि के मौके पर उन महिलायें को दिया जाता है, जो संतान की प्राप्ति के लिए मन्नत लेकर आती है। माना जाता है कि इस प्रसाद से संतान की मनोकामना पूर्ण होती है। जब महिला की गोद भर जाती है तो मंदिर में बच्चों को मिठाईयों से तौला जाता है।
मंदिर के खंभों की गिनती करना बस की बात नहीं
इस मंदिर को भूल भुलैय्या वाला मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में करीब 64 खंबे लगे है और इन खंबों को एक बार में सही से गिनती करना किसी के बस की बात नहीं है। 64 खंभों की नक्काशी देखने लायक है। मंदिर के अंदर 34 खंभों का एक मंडप भी है। 8 खंभे अंदर गर्भगृह में हैं।