नई दिल्ली। कांग्रेस ने राजस्थान सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को भी तत्काल ऐसा कदम उठाना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी।
कांग्रेस महासचिव और राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने एक जनवरी 2004 व उसके बाद नियुक्त कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बंद करके उनकी पेंशन की जिम्मेदारी किसी संगठन को दे दी। वह संगठन बाज़ार में पैसा लगाकर कर्मियों की पेंशन निर्धारित करता, यानी सरकार ने अपने ही कर्मियों की पेंशन से पल्ला झाड़ लिया।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘कर्मचारियों को पेंशन देना सरकार की जिम्मेदारी है। हम नहीं चाहते कि सरकारी कर्मियों का पैसा कोई तीसरा पक्ष बाज़ार में लगाए और बाज़ार की परिस्थतियों में कर्मियों का पैसा डूबने की अनिश्चितता हो।’
’ माकन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने कर्मियों के हितों की रक्षा करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय किया है। हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार व सभी राज्य सरकारें तत्काल प्रभाव से कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने का निर्णय करें।’’ उनके मुताबिक, राजस्थान में किसानों को उनके लिए बिजली, उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बिजली के लिए साढ़े सत्तरह हजार करोड़ की सब्सिडी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में इतनी सब्सिडी कहीं पर भी नहीं है। माकन ने कहा, ‘‘आज हमारे देश के अंदर कहीं पर भी 22 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी बिजली के उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती, जबकि राजस्थान में यह कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं दोनों को मिलाकर दी जा रही है।’’उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने शहरी क्षेत्रों में रोजगार के उपाय करने के लिए कदम उठाए हैं।