Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध का दुनिया के मार्केट पर काफी बुरा असर पड़ा है। दुनिया पहले से ही कोरोना के चलते महंगाई की मार झेल रही है। और अब यूक्रेन पर रूस के हमले ने इकोनॉमी को निम्न स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है। जापान की फाइनेंशियल कंपनी नोमुरा ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत को बड़ा झटका दिया है। नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन पर रूस के हमले से दुनिया में मंगाई का दबाव बढ़ गया है। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान को भारत को उठाना पड़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार फूड और ऑयल प्राइस बढ़ने से एशियाई देशों पर काफी बुरा असर हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया में भारत, फिलिपीन्स और थाईलैंड जैसे देश की अर्थव्यवस्था चरमारा सकती है। भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है। ऐसे में भारत में ट्रेड डेफिसिट बढ़ेगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कच्चे तेल में उछाल आने पर जीडीपी ग्रोथ रेट में 0.20 प्वाइंट्स की गिरावट आ सकती है।
भारत में 10 रुपए महंगा हो सकता है पेट्रोल
रूस और यूक्रेन के युद्ध से मार्केट की हालत खसता हो गई है। जिसके चलते भारत में पेट्रोल 10 रूपए महंगा हो सकता है। भारत के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे है। फिलहाल चुनाव को लेकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना होने वाले बदलाव को रोक दिया गया था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से आने से लागत और बिक्री मूल्य के बीच का अंतर बढ़ गया है। यह अंतर 10 रुपए प्रति लीटर से अधिक है। आशंका जताई जा रही है कि अगले महीने चुनाव होने के बाद पेट्रोल के दामों में 10 रूपये का इजाफा हो सकता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार भारत दुलिना का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर प्रतिबंध लगाता है, तो इसका भारत पर बुरा असर पड़ेगा। हालांकि भारत सरकार इस संकट से उभरने के लिए आर्थिक प्रभाव का आकलन करने में जुट गई है। सरकार कच्चे तेल की कीमतों में तेजी पर भी नजर बनाये हुए है। क्योंकि यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य संकट के चलते माल की आवाजाही और तेल की कीमतें प्रभावित होंगी, जिसका असर भारत के व्यापार पर पड़ेगा।