उज्जैन। बाबा की नगरी में महाशिवरात्रि पर एक Ujjain Mahakal Shiv Navratri 2022 नया रिकार्ड बनने जा रही है। जी हां उज्जैन में महाशिवरात्रि भोले—नाथ के विवाह के दिन (Guinness World Record)सायरन बजते ही एकसाथ 21 लाख दीपक जलेंगे। इसी के साथ उज्जैन के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा। आपको बता दें इससे पहले श्रीराम नगर अयोध्या में साढ़े नौ लाख दीपों को जलाकर ये रिकार्ड बनाया गया था।
कहां कितने दीपक —
जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि पर क्षिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। 3 लाख दीपक अलग-अलग जगहों पर, घरों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में लगेंगे। दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयं सेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।
हो चुकी है रिहर्सल
कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार पहले 12 लाख दीये लगाने की योजना थी। लेकिन लोगों की कार्यक्रम में भागीदारी को देखते हुए लक्ष्य को बढ़ाया दिया है। सामाजिक संगठनों, स्टूडेंट्स और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है। समितियां भी बनाई गई हैं। क्षिप्रा किनारे 1 हजार दीपक लगाकर रिहर्सल भी की गई। एक आदमी करीब 100 दीपक लगा सकेगा। उज्जैन की महाशिवरात्रि की दीपक जलाने का कार्यक्रम अयोध्या के दीपोत्सव से बहुत अलग होगा। उनके अनुसार दीपक बनाने के टेंडर निकाले गए थे, जो उज्जैन, देवास और इंदौर में भी बनाए जा रहे हैं।
घाटों पर हो चुकी है मार्किंग
दीपोत्सव में अयोध्या का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए उज्जैन में तैयारी कर ली गई है। कुल 21 लाख दीप जलाने के लिए अयोध्या की तरह घाटों पर मार्किंग की है। उज्जैन में रामघाट से भूखी माता घाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। अयोध्या की तरह उज्जैन में भी नगर निगम और स्मार्ट सिटी के साथ जिला पंचायत से जुड़े 12 हजार से अधिक स्वयं सेवक इसमें जुड़ेंगे। उज्जैन के घाटों पर 12 लाख, महाकाल मंदिर में 51 हजार, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामन मन, काल भैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम लेगी जायजा
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अफसरों से संपर्क किया गया है। जल्द ही, टीम के कुछ सदस्य तैयारी देखने उज्जैन आने वाले हैं। कार्यक्रम में शाम सात बजे सायरन बजते ही दीपक एकसाथ जलाए जाएंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयं सेवकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।