मुंबई।यूक्रेन के खिलाफ रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद जोखिम वाली संपत्तियों की मांग प्रभावित होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 102 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 75.63 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी मुद्रा की सतत निकासी, घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली तथा कच्चे तेल कीमतों में तेजी के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 75.02 प्रति डॉलर पर खुलने के बाद 75.75 रुपये तक नीचे चला गया। अंत में रुपया 102 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 75.63 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.74 प्रतिशत की तेजी के साथ 96.90 पर जा पहुंचा।
वैश्विक मानक माने जाने वाले ब्रेंट क्रूड की कीमत 8.36 प्रतिशत बढ़कर 104.94 डॉलर प्रति बैरल हो गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘तेल आयातकों की ओर से मासांत की डॉलर मांग के कारण एशियाई मुद्राओं में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रहा। साथ ही यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद सुरक्षित संपत्तियों में निवेश के लिए डॉलर मांग बढ़ी है।’’ बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों सेंसेक्स 2,702.15 अंक की गिरावट के साथ 54,529.91 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने बुधवार को 3,417.16 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की