Heart Attack : दुनिया में लोग अपनी लापरवाही के चलते गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते है। इंसान जब बीमारियों से घिरा होता है तो उसे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। लेकिन अगर आपको तीन साल पहले ही हार्ट अटैक की बीमारी के बारे में पता चल जाए तो, आपकी जान बच सकती है। जी हां अब तीन साल पहले ही हार्ट अटैक की बीमारी के बार में पता चल सकता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने अपनी एक नई शोध में इसके बारे में दावा किया है।
वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा है कि हार्ट अटैक के खतरे के बारे में 3 साल पहले ही जाना जा सकता है। जिससे दुनिया में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों पर कंट्रोल किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज और एंटी-इंफ्लेमेटरीज दवाओं के माध्यम से लाखों करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती है। वैज्ञानिकों ने ऐसे मरीजों के सी-रिएक्टिव प्रोटीन की जांच की, जिन्हें पहले हार्ट अटैक आया था। सी-रिएक्टिव प्रोटीन इंसान के शरीर में बढ़ते खतरे के बारे में बताता है। वैज्ञानिको ने शोध में ट्रोपोनिन नामक एक प्रोटीन की भी जांच की है। यह प्रोटीन जो दिल में लगी चोट के समय खून के साथ निकलता है।
वैज्ञानिको ने शोध के दौरान हार्ट अटैक से पीडित रह चुके मरीजों के सी-रिएक्टिव प्रोटीन की जांच की है। इस दौरान वैज्ञानिको ने ट्रोपोनिन का भी स्टैंडर्ड टेस्ट किया। वैज्ञानिकों के इस शोध से सही समय पर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के डॉ. रमजी खमीज के अनुसार इस टेस्ट की खोज ऐसे समय पर हुई है, जब अन्य टेस्ट से ज्यादा कमजोर लोगों में इसके खतरे की पहचान की जा रही है।
मेडिकल किट का बेशकीमती टूल
शोध करने के लिए फंड जारी करने वाले प्रोफेसर जेम्स लीपर ने कहा है कि यह मेडिकल किट में शामिल होने वाला एक बेशकीमती टूल है। एक स्टडी के मुताबिक दिन में करीब 4 घंटे एक्टिव रहने से हार्ट डिसीज का खतरा 43 प्रतिशत तक कम हो जाता है।