BRIDE MEHANDI : भारत में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। देश के कौने-कौने में शादियों की तैयारियों को लेकर लोग जुटे हुए है। शादी होने से पहले दुल्हा और दुल्हन को महंदी लगाई जाती है। बाकायदा महंदी की रश्म को अदा किया जाता है। महंदी लगाने की यह परंपरा हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम धर्म में भी होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि शादी से पहले दुल्हे और दुल्हन को महंदी क्यों लगाई जाती है। आज हम आपकों वह वैज्ञानिक कारण बताने जा रहे है।
वैसे तो हिंदू धर्म में मेहंदी सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। लेकिन इसके पीछे का एक वैज्ञानिक कारण यह भी है कि शादी के दौरान दूल्हा और दुल्हन को अक्सर घबराहट होने लगती है। लेकिन जब दुल्हा-दुल्हन के हाथ और पैरों में महंदी लगी होती है तो वह ठंडक देती है। क्योंकि हाथ-पैरों में लगी मेहंदी शरीर के तापमान को कम करने का काम करती है, जिससे दूल्हा-दुल्हन की घबराहट की समस्या कम होती है। इसी के चलते दूल्हा और दुल्हन को मेहंदी लगाई जाती है।
मेहंदी प्यार की निशानी
मेहंदी लगाने को लेकर यह भी कहा जाता है कि मेहंदी प्यार की निशानी होती है। माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गाढ़ा होता है, उतना ही दूल्हा-दुल्हन के बीच प्यार बढ़ता है। माना यह भी जाता है कि जितने लंबे समय तक मेहंदी का रंग चढ़ा होता है, दुल्हा दुल्हन के लिए उतना ही भाग्यशाली माना जाता है। इसके साथ ही मेंहंदी स्त्री के लिए पवित्र मानी जाती है।
पैगम्बर मुहम्मद साहब भी लगाते थे मेहंदी!
हिंदू धर्म में मेंहदी को पवित्र माना जाता है। भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश, पाकिस्तान में भी मेहंदी का इस्तेमाल किया जाता है। इन देशों में मेहंदी को हाथ-पैर के अलावा बालों में भी लगाया जाता है। मुस्लिम धर्म के लोग मेहंदी को अपनी दाढ़ी रंगने में इस्तेमाल करते है। कहा जाता है कि पैगम्बर मुहम्मद साहब भी अपनी दाढ़ी में मेहंदी लगाते थे।