Ahmedabad serial blast case: भारत के इतिहास में पहली बार किसी अदालन ने 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। साल 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में अदालत ने आज दोषियों को सजा सुना दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने मामले में 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। सभी दोषियों को IPC 302, UAPA के तहत फांसी की सजा सुनाई है। वही अदालत ने बचे 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हालांकि आपकों बता दें कि अदालत का यह बड़ा फैसला एक रिकॉर्ड बन गया है। क्योंकि भारत के इतिहास में अभीतक एकसाथ इतने लोगों को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई है।
बम धमाके में हुई थी 56 लोगों की मौत
साल 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में 26 जुलाई को लगातार बम धमाके किए गए थे। जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि बम धमाकों मेंं 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मामले को लेकर अदालत में 13 साल से सुनवाई हो रही थी। अदालत ने मामले में दोषी 49 लोगों में से 28 लोगों को बरी कर दिया था। मामले में विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था।
इतिहास में पहली बार 38 लोगों को फांसी
बता दें कि भारत में एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जो एक रिकॉर्ड बन गया है। इससे पहले राजीव गांधी हत्या केस में लोअर कोर्ट ने 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
अस्पतालों में किए थे दो धमाके
अहमदाबाद में आतंकियों ने कुल 21 बम धमाके किए थे जिनमें से दो धमाके सिविल अस्पताल और एलजी अस्पताल में किए थे। आतंकियो ने धमाकों में घायल हुए लोगों को जहां भर्ती कराया जा रहा था वहां साइकल पर टिफिन बम से किया था। इन धमाको में इंडियन मुजाहिद्दीन और स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के आतंकी शामिल थे। सबसे बड़ी बात यह है कि आतंकियों ने धमाको से पहले मीडिया को मेल के जरिए धमाके रोकने की चुनौती दी थी। बम धमाकों में 35 मामले दर्ज किए गए थे। जिनमें अहमदाबाद में 20, सूरत में 15 मामले दर्ज किए गए थे। मामलों में कुल 78 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की गई थी जिसमें से 1 आरोपी को सरकारी गवाह बनाया गया था। मामले में 9 आरोपी अभी भी फरार हैं।