जबलपुर। MPPSC में ओबीसी आरक्षण MPPSC Main Exam (OBC reservation norms ) को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। जिसमें हाई कोर्ट ने 2021 में MPPSC को लेकर कहा है कि इस परीक्षा में ओबीसी को 14 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नही दिया जा सकता। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि आगे जितने भी इंटरव्यू होंगे उसक 14 प्रतिशत आरक्षण (reservation norms) के अनुसार ही आयोजित किया जाएगा।
50 की जगह 73 प्रतिशत हो गया था आरक्षण —
हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि पहले भी प्रदेश में OBC के 27% आरक्षण सहित EWS के 10% आरक्षण को मिलाकर मध्य प्रदेश में कुल 73% आरक्षण हो गया था। जबकि 50% से ज्यादा आरक्षण संभव नहीं है। तो वहीं इसके पहले MPPSC द्वारा आयोजित की गई प्रारंभिक परीक्षा 2019 के घोषित परिणामों में 27% आरक्षण के आधार पर 571 सीटों को भरने के लिए परीक्षा घोषित हुई थी।
कुल आरक्षण पहुंचा 73 प्रतिशत पहुंच गया
आपको बता दें शिवराज सरकार ने ओबीसी के लिए जो आरक्षण तय किया था उसके अनुसर 27% OBC आरक्षण दिया जा सकता था। जबकि अनुसूचित जाति के लिए 16%, ST के लिए 20 और EWS के 10% आरक्षण के चलते कुल आरक्षण का प्रतिशत 73% पर पहुंच गया था। इसी को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है।
क्या कहना है हाईकोर्ट का —
इस मुद्दे को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस साल MPPSC मुख्य परीक्षा में ओबीसी आरक्षण 14% से अधिक नहीं दिया जाएगा। इसी आधार पर आगे के इंटरव्यू आयोजित किए जाएंगे। उन सब में ओबीसी का प्रतिशत 14% ही तय किया जाए। इसी आधार पर एमपीपीएससी के रिजल्ट तैयार किए जाएंगे।
क्या था मामला —
दरअसल बीते 31 दिसंबर को MPPSC ने रिजल्ट जारी करते हुए 2019 में घोषित बढ़े आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट घोषित किया था। रिजल्ट के बाद जनरल कैटेगरी की छात्रा निहारिका त्रिपाठी के तरफ से याचिका लगाई गई थी। जिसमें दलील दी गई थी, कि कोर्ट में चल रहे बढ़ते आरक्षण का मामला विचारधीन कोर्ट की अनदेखा कर आरक्षण का लाभ दिया गया है। याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आरक्षण मामले में पूर्व में दिए आदेशों के तहत रिजल्ट घोषित करें। जबलपुर हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार और MPPSC बोर्ड को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। और आरक्षण 14% OBC आरक्षण देते हुए रिजल्ट देने के आदेश दिए हैं। आदेश के साथ ही कोर्ट ने अतरिक्त आरक्षण देने पर psc और राज्य सरकार से सपस्टिकरण भी मांगा है।