Golden Pearl : बीते सोमवार काे असम के डिब्रूगढ़ जिले में गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र पर एक ऐसी किस्म की चायपत्ती की निलामी हुई है। जिसकी कीमत सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। नीलामी केन्द्र पर एक किलो चायपत्ती 99,999 रुपये में बेची गई। जी हां यह सच है। इस चाय पत्ती का नाम ‘गोल्डन पर्ल’ है। इस चायपत्ती के मालिक एफटी टेक्नो ट्रेड है। इस खास किस्म की चायपत्ती का उत्पादन असम के डिब्रूगढ़ जिले के नाहोरचुकबारी में किया गया है। हालांकि यह ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी एक अन्य किस्म की चायपत्ती की बोली 99,999 रुपये प्रति किलो लगी थी जिसका नाम ‘मनोहरी गोल्ड’ चायपत्ती था।
किसने खरीदी इतनी मंहगी चाय पत्ती
गोल्डन पार्ल चाय पत्ती को टी ट्रेडर्स ने खरीदा है। यह हमेशा महंगी से मंहगी चाय की पत्तियों खरीदने को लेकर जाना जाता है। इससे पहले मनोहरी गोल्ड चाय पत्ती को सौरभ टी ट्रेडर्स ने खरीदा था। कारखाने के एक अधिकारी का कहना है। कि हमारी अच्छी किस्म की चायपत्ती इतने दामों में नीलामी हो रही है। नीलामी की शुरुआत अच्छी रही, हम जल्द ही अपनी और चाय पत्तियों को भी नीलामी में भेजेंगे।
कहा है नाहोरचुकबारी फैक्ट्री
नाहोरचुकबारी फैक्ट्री असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे के पास बनी हुई है। यह कारखाना एएफटी टेक्नो ट्रेड के स्वामित्व में है। इस कारखाने की स्थापना 2018 की गई थी, जिसे नूर आलम खान, इमरान खान और असलम खान ने स्थापित किया था। यह कारखाना जिले के नाहोरचुक, एकोराटोली और नाडुवा डिकॉम क्षेत्र के चाय उत्पादकों से पत्ती खरीदते हैं।
क्यों रखा चायपत्ती का नाम गोल्डन पर्ल
करीब 1 लाख रूपये किलो में नीलाम होने वाली चाय पत्ती का नाम गोल्डन पर्ल रखा गया है। कारखाने संस्थापक सदस्यों में एक असलम खान के अनुसार चायपत्ती का नाम ‘गोल्डन’ रखने का ख्याल उन्हें ज्वेलरी बिजनेस से आया। उनका कहना है कि कई लोग ज्वेलरी के व्यापार से जुड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें सोचा की इस चायपत्ती का नाम गोल्डन रखा जाए।