नई दिल्ली। देश के इतिहास में 14 फरवरी का दिन एक काले अध्याय की तरह है। आज ही के दिन वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला कर हमारे जाबाज 40 जवानों को शहीद कर दिया था। सभी जवान छुट्टी से वापस लौटकर ड्यूटी जॉइन करने जा रहे थे। इस घटना के बाद से पूरा देश गु्स्से से भर गया था। ऐसे में भारतीय सेना ने महज 12 दिनों के अंदर पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर कई आतंकियों को ढेर किया था और कैंप को भी तबाह कर दिया था। इन चीजों के बारे में तो कई लोग जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जो आतंकि इस हमले में शामिल थे, सेना और CRPF ने उनसे कैसे बदला लिया था? आइए जानते हैं।
सेना ने सुन-सुन कर लिया बदला
बता दें कि इस आतंकी हमले के बाद एक तरफ भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्टाइक कर उसे अपने औकात में रहने की हिदायत दी, तो वहीं दूसरी तरफ सेना ने अपने साथियों का बदला इस हमले में शामिल सभी आतंकियों को मार गिराकर लिया। पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडरों का सफाया सेना ने चुन-चुन कर किया।
45 दिनों के अंदर 80% आतंकियों को सफाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेना ने महज 45 दिनों के अंदर आतंकी हमले में शामिल जैश के 80% आतंकियों का सफाया कर दिया था। जिसमें अकेले जैश के 19 आतंकी मारे गए थे। इतना ही नहीं जैश के अलावा 45 दिनों के अंदर ही कुल 66 आंतकी मारे गए थे। सेना ने तब टेक्निकल और इंटेलिजेंस पर आधारित ऑपरेशन किया था। इसके लिए सेना ने बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण किया था।
हमले के चार दिन बाद पहला आतंकी मारा गया
सेना ने इस हमले के बाद सबसे पहले 18 फरवरी 2019 को कामरान नाम के एक आतंकी को मार गिराया था। इसके बाद 11 मार्च को मुदासिर अहमद खान और सज्जाद बट को मार गिराया था। फिर तो चुन-चुन कर सेना ने इस हमले में शामिल सभी आतंकियों का सफाया करना शुरू कर दिया। कई आतंकी एनआईए की कस्टडी में भी हैं।
सूत्रों की माने, तो पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश के 40 ओवरग्राउंड समर्थकों से सूचना इकट्ठा की और ऑपरेशन को अंजाम दिया।
पिछले साल आखिरी जिंदा बचे आतंकी को भी मार गिराया गया
इस हमले में आखिरी जिंदा बचे आतंकी समीर डार को भी सेना ने 30 दिसंबर 2021 को मार गिराया। जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजीपी विजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। सुरक्षाबलों के साथ हुई इस मुठभेड़ में समीर डार के साथ 2 अन्य आतंकी भी मारे गए थे। समीर डार समेत तीनों आतंकियों को सेना ने 30 दिसंबर को अनंतनाग के डोरू में घेर लिया था।