नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने वैश्विक स्तर पर ब्लू हाइड्रोजन के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही रिलायंस ने शून्य उत्सर्जन वाले इसी ईंधन को वैश्विक औसत उत्पादन लागत के मुकाबले आधी कीमत पर तैयार करने की बात कही है। रिलायंस ने एक प्रस्तुति में कहा कि कंपनी इस समय पेट्रोलियम कोक को संश्लेषण गैस में परिवर्तित करने वाले 30,000 करोड़ रुपये के संयंत्र को ब्लू हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए फिर से तैयार करेगी। हाइड्रोजन अभी तक ज्ञात ईंधनों में सबसे स्वच्छ ईंधन है, और उत्पादन के तरीके के आधार पर यह हरा, नीला या ग्रे हो सकता है। इनमें ब्लू हाइड्रोजन को कार्बन सापेक्ष भी कहा जाता है, क्योंकि इससे वातावरण में उत्सर्जन का फैलाव नहीं होता है।
2030 तक 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेगी
रिलायंस ने 2035 तक अपने व्यवसायों के लिए शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है और वह फिलहाल ब्लू हाइड्रोजन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ कदम बढ़ाने के तहत आरआईएल अपनी जामनगर सिनगैस परियोजना को पूर्ण-स्वामित्व वाली अपनी एक अनुषंगी इकाई को हस्तांतरित कर रही है। कंपनी ने हाल में कहा था कि वह 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से कम से कम 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेगी, या उत्पादन की क्षमता हासिल करेगी, जिसे कार्बन मुक्त ग्रीन हाइड्रोजन में बदला जा सकेगा। साथ ही आरआईएल ने अगले एक दशक में हाइड्रोजन की लागत को एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने का लक्ष्य तय किया है।