बेंगलुरु। हिजाब पर रोक के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से शिक्षण संस्थानों को पुन: खोलने का अनुरोध किया है, साथ ही विद्यार्थियों को भी कक्षा के भीतर भगवा शॉल, गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक झांडा नहीं ले जाने को कहा है।
तीन सदस्यीय पीठ का आदेश
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में यह व्यवस्था दी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश केवल ऐसे संस्थानों पर लागू होगा जहां की महाविद्यालय विकास समिति ने विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड या यूनीफार्म लागू की है।
अदालत का आदेश
अदालत ने कहा, ‘‘ हम राज्य सरकार और सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे शिक्षण संस्थानों को खोलें और विद्यार्थियों को कक्षाओं में यथाशीघ्र लौटने की अनुमति दें। संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने के मद्देनजर अगले आदेश तक हम सभी विद्यार्थियों को भले वे किसी धर्म और आस्था के हों, कक्षा में भगवा शॉल, गमछ़ा, हिजाब, धार्मिक झंडा या इस तरह का सामान लेकर आने पर रोक लगाते हैं।’’इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश अवस्थी के अलावा न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम काजी भी शामिल है। अदालत ने बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया था जिसे शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया।