नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी सहित कई अन्य जगहों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने की कथित साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने अबू बकर को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे पिछले साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।
आरोपी ने की थी मांग
अदालत ने आठ फरवरी को अपने आदेश में कहा कि मामले में जांच अभी भी जारी है और न्यायाधीश ने जांच पूरा करने की अवधि पहले ही बढ़ा दी थी।आरोपी ने इस आधार पर राहत की मांग की थी कि वह 14 सितंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में है और इस बात का भरोसा दिलाता है कि मामले से जुड़े सबूतों, यदि हों तो, के साथ छेड़छाड़ करने या किसी गवाह को डराने-धमकाने की कोशिश नहीं करेगा।आरोपी ने यह भी कहा कि वह जांच प्रक्रिया में पुलिस का सहयोग करेगा और जब भी जरूरत पड़ी, जांच अधिकारी व अदालत के सामने पेश होगा।
पुलिस ने किया था जमानत अर्जी का विरोध
पुलिस ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक लंबे समय तक चलने वाला अभियान शुरू किया गया था और मुंबई, लखनऊ, प्रयागराज, रायबरेली, प्रतापगढ़ में एक साथ कई टीमें तैनात की गई थीं। पुलिस ने कहा कि मामले में मानव और तकनीकी स्रोतों से एकत्रित खुफिया जानकारी के आधार पर 14 सितंबर 2021 को विभिन्न राज्यों में एक साथ छापेमारी की गई थी। पुलिस के अनुसार, ‘गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से दो को हाल ही में पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था। हमें केंद्रीय एजेंसी से जानकारी मिली है कि सीमा पार भारत के कई शहरों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है।
देशभर में विस्फोटों की थी योजना
दिल्ली पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से महंगे आयातित हथियार, इतालवी पिस्तौलें, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद हुए थे। पुलस के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों के दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को निशाना बनाने की आशंका थी। उसने कहा कि गिरफ्तार संदिग्ध देशभर में लक्षित हत्याओं और विस्फोटों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।