नई दिल्ली: आए दिन सुनने में आता है कि कहीं न कहीं धारा 144 लगा दी गई है। जिसमें अक्सर यह बात सामने आती है कि पुलिस प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए इलाके में धारा-144 लागू कर दी है, ताकि वहां पर शांति व्यवस्था बनी रहे। बता दें कि कहीं भी किसी भी शहर में जब किसी भी वजह से माहौल बिगड़ने की संभावना होती है या कानून व्यवस्था पर संकट नजर आता है तो वहां धारा-144 लगा दी जाती है।
कई मामलों में इस धारा का इस्तेमाल किसी आशंका के मद्देनजर भी किया जाता है। आइए जानते हैं आखिर धारा-144 है क्या और इसका इस्तेमाल पुलिस कब और क्यों करती हैं।
धारा-144 क्या है?
धारा-144 दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CRPC) के तहत आती है। यह समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाया जाता है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा किसी कार्यकारी मजिस्ट्रेट एक नोटिफिकेशन जारी करता है। जिस इलाके में धारा-144 लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। साथ ही उस इलाके में हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है।
कब लागू की जाती है धारा-144
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973, CRPC) के तहत आने वाली धारा 144 शांति और तनावमुक्त माहौल बनाए रखने के लिए लागू की जाती है। दंगा, लूटपाट, हिंसा, मारपीट को रोकने के लिए इस धारा को लागू किया जाता है। कहीं भी किसी भी शहर में हालात बिगड़ने की संभावना होती है, जिससे आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका हो, तो वहां भी धारा-144 लगा दी जाती है।
धारा 144 की अवधि
इस धारा के तहत जारी कोई भी आदेश सामान्यतः 2 माह से अधिक समय तक लागू नहीं रह सकता है। हालांकि इस अवधि की समाप्ति के बाद राज्य सरकार के विवेकाधिकार के तहत आदेश की अवधि को दो और माह के लिये बढाया जा सकता है, किंतु इसकी अधिकतम अवधि छह माह से अधिक नहीं हो सकती है। एक बार स्थिति सामान्य हो जाने के बाद धारा 144 हटाई जा सकती है।
क्या है सजा का प्रावधान?
धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा सकती है। साथ ही आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है। हालांकि, यह एक जमानती अपराध है और ज्यादातर मामलों में जमानत दे दी जाती है।
धारा 144 और कर्फ्यू के बीच अंतर
कई लोग धारा-144 को ही कर्फ्यू मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। धार-144 संबंधित क्षेत्र में चार या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाती है, जबकि कर्फ्यू के तरह लोगों को एक विशेष अवधि के दौरान घर के अंदर रहने के लिए निर्देश दिये जाते हैं। साथ ही सरकार कर्फ्यू के दौरान यातायात पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा देती है। बाजार, स्कूल, कॉलेज और कार्यालय कर्फ्यू के तहत बंद रहते हैं और केवल आवश्यक सेवाओं को पूर्व-सूचना पर चलने की अनुमति होती है।