नई दिल्ली। आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से पुनर्जन्म की खबरें सामने आते रहती हैं। सदियों से इस विषय को लेकर विद्वानों के बीच बहस छिड़ी हुई है कि क्या यह संभव है? हालांकि, जब कुछ मामले साक्षात समाने आ जाते हैं तो फिर ये तर्क बेमानी लगने लगते हैं। हाल ही में पुनर्जन्म का एक ऐसा ही मामला राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के खजूरी गांव से सामने आया है।
पिछले जन्म की हर बात जानता है
जहां गांव के ओंकार लाल मैहर का 3 साल का बेटा मोहित अपने पिछले जन्म की हर बात जानता है। दावा किया जा रहा है कि उसे 16 साल पहले हुई अपनी अकाल मौत के बारे में सब पता है। इतना ही नहीं वह पिछले जन्म के माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों को भी पहचानता है। 3 साल पहले जब उसका जन्म खजूरी गांव में हुआ तो मोहित भी सामान्य बच्चों की तरह ही था। लेकिन बचपन से ही वो ट्रैक्टर की आवाज से परेशान हो जाता था और रोने लगता था।
खुद का नाम ‘तोरण’ बताता है
जब उसने बोलना शुरू किया, तो खुद का नाम मोहित की जगह ‘तोरण’ बताने लगा। जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, उसने अपने पिछले जन्म का गांव, अपने माता-पिता और अपनी मृत्यु का कारण बताना शुरू किया। वो खुद को कोलू खेड़ी का रहने वाला तोरण बताने लगा। बता दें कि ‘तोरण’ मनोहर थाना क्षेत्र के ही कोलू खेड़ी का रहना वाला था। उसके पिता का नाम कल्याणमल धाकड़ था। करीब 16 वर्ष पहले सड़क निर्माण के दौरान ट्रैक्टर के नीचे दबने से उसकी अकाल मृत्यु हो गई थी।
3 वर्ष पहले गया में हुआ था तोरण का तर्पण
अपने बेटे की मौत के बाद कल्याणमल अपने परिवार के साथ कोलू खेड़ी छोड़कर मध्य प्रदेश के जामनेर थाना क्षेत्र के शंकरपुरा गांव में रहने लगे। बता दें कि करीब 3 वर्ष पूर्व कल्याणमल ने अपने पुत्र तोरण का गया में तर्पण किया था और उसी समय खजूरी गांव में मोहित का भी जन्म हुआ था। इत्तेफाक की बात यह है कि तोरण की एक बुआ खजूरी गांव में ही रहती थी। जब उन्हें पता चला कि मोहित अपने आप को कोलू खेड़ी का तोरण बताता है, तो सबसे पहले वह मोहित से मिलने पहुंची। मोहित ने जैसे ही बुआ ‘नाथी बाई’ को देखा, वह रोने लगा और उससे लिपट गया।
तोरण के माता-पिता को देखते ही पहचान गया मोहित
इसके बाद बुआ ने तोरण के माता-पिता को मध्य प्रदेश सूचना भिजवाई। तोरण के माता-पिता भी मोहित से मिलने पहुंचे। मोहित ने उन्हें भी पहचान लिया और पिछले जन्म की कई बातें उनके साथ की जिसके बाद सबको यकीन हो गया कि आज का मोहित ही कल का तोरण था। गौरतलब है कि आज भी पुनर्जन्म एक रहस्य है। वैज्ञानिक जहां इसे तर्क विहीन मानते हैं। वहीं विश्व की एक बड़ी आबादी इन सब पर भरोसा करती है। क्योंकि कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिन्हें झूठला पाना मुश्किल है।