मुंबई। 29 दिन से जिंदगी की जंग Lata Mangeshkar Death से लड़ रही लता मंगेशकर Lata Mangeshkar Passes Away ने अपनी सांसे त्याग दीं। कोरोना और निमोनिया के चलते इलाज चल रहा था। प्रसिद्ध गायिका लता Lata Mangeshkar Died मंगेशकर ने 92 उम्र में अंतिम सांस ली। आज सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर कोरोना से जंग हार कर दुनिया को विदा कह गईं। आपको बता दें 24 दिन से आईसीयू में एडमिट थीं। शनिवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई, उनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। डॉक्टरों की निगरानी में थीं। मंगेशकर (92) को कोरोना वायरस संक्रमण हो गया था और उन्हें हल्के संक्रमण के साथ आठ जनवरी दक्षिण मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के अनुसार लता दीदी की नौकर को कोविड हुआ था। जिसके बाद उन्हें भी संक्रमण हो गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी ने ट्विट करके इसकी जानकारी दी।
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
पीएम मोदी समेत सभी दिग्गज नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। आज सुबह 8.12 पर अंतिम सांस ली। लता मंगेशेकर ने 20 से ज्यादा भाषाओं में 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं।
उन्हें भारत रत्न’ से भी नवाजा गया था —
सात दशक के अपने करियर में लता मंगेशकर ने ‘अजीब दास्तां है ये’’, ‘‘प्यार किया तो डरना क्या’’, ‘‘ नीला आसमां सो गया’’ और ‘‘तेरे लिये’’ जैसे कई मधुर गाने गाये हैं। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार एवं कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा गया था।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का निधन हो गया है। pic.twitter.com/1za9CV6JAt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2022
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा – अपूरणीय क्षति
लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई. उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद