भोपाल। मध्यप्रदेश में साल 2022-23 के लिए लागू की जा Challenge Against New Excise Policy रही नई आबकारी नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर नई शराब नीति को असंवैधानिक करार देने और उसे रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट में ये याचिका जबलपुर के सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर पीजी नाजपाण्डे और रजत भार्गव ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि नई शराब नीति में सुपर मार्केट और कंपोज़िट शॉप्स में देसी-अंग्रेजी शराब बेचने के जो प्रावधान किए गए हैं वो असंवैधानिक है।
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 47 में कहा गया है कि सरकारें धीरे धीरे नशामुक्ति की दिशा में काम करेंगी। लेकिन नई शराब नीति से न सिर्फ शराब सस्ती होगी बल्कि उसे खरीदना और सुलभ भी हो जाएगा।इधर नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के स्थान चयन का अधिकार विधायकों को दिए जाने को भी आबकारी एक्ट के खिलाफ बताया गया है। इसमें कहा गया है कि शराब दुकानें कहां खुलेंगी और कहां नहींं, ये फैसला सिर्फ संबंधित जिलों की जिला योजना समितियों की बैठक में ही लिया जा सकता है। जिसे नई शराब नीति में दरकिनार कर दिया गया है। इस याचिका में नई शराब नीति को जनहित के खिलाफ बताकर इसे रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका पर आने वाले दिनों में जल्द सुनवाई हो सकती है। वीडियों में देखें क्या कहना है अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय का।