Indian Railways: आज के समय में ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक को भविष्य माना जा रहा है। इस समय साइकिल से लेकर ट्रक और बस तक सब कुछ इलेक्ट्रिक हो गया है। हालांकि, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इलेक्ट्रिक का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है। देश का सबसे किफायती परिवहन साधन- भारतीय रेलवे की ज्यादातर ट्रेनें इलेक्ट्रिक ही हैं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि भारत में इलेक्ट्रिक ट्रेनों की शुरूआत कैसे हुई थी? (India first electric train)
97 वर्ष पहले हुई थी इलेक्ट्रिक ट्रेन की शुरूआत
बता दें कि भारत में इलेक्ट्रिक ट्रेनों की शुरूआत कोई 10-20 साल पहले नहीं बल्कि आज ही के दिन 3 फरवरी 1925 को 97 साल पहले की गई थी। इस दिन को आज भी भारतीय रेलवे के इतिहास में स्वर्णिम दिन के रूप में जाना जाता है। इस दिन मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के 2 नंबर प्लेटफॉर्म को सजाया गया था। जिसे पहले बॉम्बे में विक्टोरिया टर्मिनल के नाम से जाना जाता था।
बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर ने किया था उद्घाटन
तब बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर सर लेस्ली विल्सन ने अपनी पत्नी के साथ सुबह 10 बजे देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का उद्घाटन किया था। देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन विक्टोरिया टर्मिनल से लेकर कुर्ला तक हार्बर लाइन पर चलाई गई थी। इस चार डिब्बों वाली ट्रेन ने 50 मील/घंटा के हिसाब से 16 किमी की दूरी तय की थी। बता दें कि यह भारत के साथ-साथ एशिया की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन थी। उन दिनों ऐसे इंजनों को क्रोकोडायल के नाम से पुकारा जाता था
दुनिया में भारतीय रेलवे की स्थिति
उस समय बिजली की सप्लाई को छोड़कर इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए सभी इनपुट इंग्लैंड में विभिन्न कंपनियों से आयात किए गए थे। इसके बाद देश में ही लगातार भारतीय रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन होता रहा। आज 70% से ज्यादा भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिक है और दुनिया के तीन सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। वर्तमान में इस विभाग में 15 लाख लोग काम करते हैं।
ट्रांसपोर्टेशन का सबसे बड़ा जरिया
भारतीय रेल देश में ट्रांसपोर्टेशन का सबसे बड़ा जरिया है। कोयले का 90 फ़ीसद ट्रांसपोर्ट रेलवे के जरिए ही होता है। रेल रूट पर 21 हजार से ज्यादा पैसेंजर और गुड्स ट्रेनें रोज दौड़ती हैं। मालूम हो कि स्वतंत्रता से पहले ही भारत में 388 कि.मि. का रेल मार्ग इलेक्ट्रिक था। स्वतंत्रता के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना में भी इसका विस्तार किया गया। पहले रेलवे इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन डी.सी वोल्ट पर करता था। लेकिन साल 1957 में फ्रेन्च रेलवे को देखते हुए भारत ने भी 25 KV ए.सी. विद्युतीकरण को अपनाया जो काफी किफायती प्रणाली साबित हुई।
तेजी से हो रहा है विद्युतीकरण
भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक सभी ब्राड गेज मार्गों को विद्युतीकृत करने की योजना में है। साल 2014-2021 तक रिकॉर्ड 24,080 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण हुआ है। पहले की बात करें तो साल 2007-14 के दौरान महज 4,337 किलोमीटर मार्ग को ही इलेक्ट्रिक किया गया था। खास बात ये है कि अब तक के कुल 45,881 किमी विद्युतीकृत कार्य में से 34% काम पिछले तीन वर्षों में किया गया है।