भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल में एक तरफ स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश हैं जबकि कॉलेज, ट्यूशन फीस सहित तमाम तरह की फीस वसूल रहे हैं। जिसे लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। सतीश विश्वकर्मा नाम के एक लॉ स्टूडेंट की ओर से दायर इस याचिका को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और डायरेक्टर- हायर एजुकेशन के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं,
हाईकोर्ट ने मामले में 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि जब कोरोनाकाल में निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश दिए गए थे तो निजी कॉलेजों को ऐसे निर्देश क्यों नहीं दिए गए, मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद की जाएगी।
हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया था कि कोरोनाकाल में निजी स्कूलों की तरह निजी कॉलेज भी बंद थे जहां ऑनलाईन पढाई ही करवाई जा रही थी लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने तो सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश दिए लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे निर्देश नहीं दिए जिससे छात्र कॉलेजों की मनमानी फीस चुकाकर परेशान हैं.. इस विरोधाभास को संविधान से मिले समानता के अधिकार के खिलाफ बताया गया था जिस पर अब हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।