नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आइए जानते हैं आर्थिक सर्वे से जुड़ी 12 बड़ी बातें
- आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 2 प्रतिशत रहेगी
- भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 8-8.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए बेहतर स्थिति में
- अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में, 2022-23 की चुनौतियों से निपटने में सक्षम
- समीक्षा के मुताबिक,महामारी के कारण हुए नुकसान से निपटने के लिए भारत की आर्थिक प्रतिक्रिया मांग प्रबंधन के बजाय आपूर्ति-पक्ष में सुधार पर केंद्रित रही है।
- मजबूत निर्यात वृद्धि और राजकोषीय गुंजाइश होने से पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी जिससे अगले वित्त वर्ष में वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
- वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि को व्यापक टीकाकरण, आपूर्ति-पक्ष में किए गए सुधारों से हासिल लाभ एवं नियमन में दी गई ढील से समर्थन मिलेगा।
- वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए समर्थन देने की बेहतर स्थिति में, निजी निवेश तेज होगा।
- आर्थिक समीक्षा में 8-8.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान कच्चे तेल का भाव 70-75 डॉलर प्रति बैरल पर रहने के आधार पर जताया गया है जबकि कच्चे तेल के मौजूदा भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में हैं।
- वित्त वर्ष 2020-21 में महामारी के दौरान घाटे में वृद्धि और कर्ज संकेतक बढ़ने के बाद वर्ष 2021-22 में सरकार की वित्तीय स्थिति में मजबूती आएगी।
- भारत ने खुद को ‘नाजुक स्थिति वाले पांच देशों’ से चौथे सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार वाले राष्ट्र में बदला।
- समीक्षा में लघु जोत वाली कृषि प्रौद्योगिकियों के जरिये छोटे एवं सीमांत किसानों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर।
- तिलहन, दलहन और बागवानी की ओर फसल विविधीकरण को प्राथमिकता देने की जरूरत