नई दिल्ली। माघ माह की सबसे Mauni Amavasya 2022 खास अमावस यानि मौनी अमावस को लेकर हर किसी के मन में दुविधा चल रही है। लेकिन हम आपकी दुविधा दूर कर देते हैं। दरअसल अमावस तिथि 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे आने के कारण इसे दो दिन का माना जा रहा है। लेकिन पंडित रामगोविन्द शास्त्री की मानें तो मुख्य रूप से ये 1 फरवरी को मानी जाएगी। क्योंकि मौनी अमावस्या का महत्व सूर्योदय में नदी में स्नान करने से होता है। इसलिए इसे 1 फरवरी को मनाया जाएगा। शास्त्री के अनुसार चूंकि अमावस चौदस में आई है। इसलिए इसे मंगलवार को मनाया जाएगा।
आपको बता दें माघ माह की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या की तिथि पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन को गंगा स्नान और दान के लिए पवित्र माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा नदी में सभी देवगण स्वर्ग से उतर कर स्नान करने आते हैं। इस दिन के स्नान को मौन धारण करके किया जाता है।
सही तिथि और स्नान-दान का मुहूर्त
मौनी अमावस्या की सही तिथि –
माघ माह की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इसलिए मौन धारण करके स्नान करने का सबसे अधिक लाभ मिलता है। साथ ही यह स्नान ब्रह्म मुहूर्त में स्नान को खास माना जाता है, इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग गणना के अनुसार अमावस्या कि तिथि 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे शुरू हो रही है। जो कि 01 फरवरी को दोपहर 1 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुरूप मौनी अमावस्या का स्नान 01 फरवरी, दिन मंगलवार को ही होगा। साथ ही इस दिन एक बात और अधिक खास रहने वाली है वो ये कि मंगलवार को अमावस्या होने के कारण भौमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है।
मौनी अमावस्या पर स्नान दान का शुभ मुहूर्त –
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावस्या तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त प्रातः काल 05 बज कर 34 मिनट से 06 बज कर 22 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में स्नान और दान मोक्षदायक माना गया है। हालांकि अमावस्या तिथि 01 फरवरी को दोपहर 1 बजे तक रहेगी।