नई दिल्ली। आज प्रधानमंत्री ने मन की बात में हिस्सा लिया। आइए देखते हैं पीएम की मन की बात में क्या था खास
बापू की पुण्यतिथि
मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे पूज्य बापू की पुण्यतिथि है, 30 जनवरी का ये दिन हमें बापू की शिक्षाओं की याद दिलाता है। अभी कुछ दिन पहले हमने गणतंत्र दिवस भी मनाया, दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है।
नेताजी की डिजिटल प्रतिमा स्थापित की गई
इंडिया गेट पर नेताजी की डिजिटल प्रतिमा स्थापित की गई है, इसका देश ने जिस प्रकार से स्वागत किया, हर देशवासी ने जिस प्रकार की भावनाएं प्रकट कीं उसे हम कभी भूल नहीं सकते हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश इन प्रयासों के जरिए अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को पुन। प्रतिष्ठित कर रहा है।
अमर जवान ज्योति पर क्या बोले पीएम
पीएम ने कहा कि हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप अमर जवान ज्योति और पास में ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्जवलित ज्योति को एक किया गया। इस भावुक अवसर पर कितने ही देशवासियों और शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे।
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पर क्या बोले पीएम
अमृत महोत्सव के आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। इनमें से एक है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार। ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले जिन्होंने छोटी सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किए हैं। हमें अपने घरों में इन बच्चों के बारे में बताना चाहिए।
साधारण परिस्थितियों में किए असाधारण काम
देश में अभी पद्म सम्मान की घोषणा हुई है। पद्म पुरस्कार पाने वालों में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये हमारे देश के अनसंग हीरोज हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं।
पेंच टाइगर रिज़र्व की बाघिन को किया याद
प्रकृति से प्रेम और हर जीवन के लिए करुणा हमारी संस्कृति भी है और सहज स्वभाव भी। हमारे इन्हीं संस्कारों की झलक अभी हाल ही में तब दिखी जब मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व में एक बाघिन ने दुनिया को अलविदा कर दिया। इस बाघिन को लोग कॉलर वाली बाघिन कहते थे।
असम की पोशाक पर गैंड़ों की आकृति
असम की विश्व प्रसिद्ध हथकरघा पर बुनी गई मूंगा और एरी की पोशाकों में गैंड़ों की आकृति दिखाई देती है। असम की संस्कृति में जिस गैंडे की इतनी बड़ी महिमा है उसे भी संकटों का सामना करना पड़ता था। वर्ष 2013 में 37 और 2014 में 32 गैंडों को तस्करों ने मार डाला था।
लद्दाख को सौगात
लद्दाख को जल्द शानदार ओपन सिंथेटिक ट्रैक और एस्ट्रो टर्फ फुटबॉल स्टेडियम की सौगात मिलने वाली है। ये स्टेडियम 10 हज़ार फीट से अधिक की ऊंचाई पर बन रहा और इसका निर्माण जल्द पूरा होने वाला है। यह लद्दाख का सबसे बड़ा ओपन स्टेडियम होगा जहां 30 हज़ार दर्शक एक साथ बैठ सकेंगे।