Indian Railways: जापान में सिर्फ एक छात्रा के लिए रोजाना ट्रेन चलती है, ताकि वो घर से स्कूल बिना किसी परेशानी के आ-जा सके। लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्या ऐसा करना भारत में संभव है, शायद नहीं। जापान में जो ट्रेन चलती है वो दुनिया में अपनी तरह का इकलौता मामला है। लेकिन, भारत में एक घटना जरूर हुई थी जब रेलवे को सिर्फ एक लड़की के लिए 553 किलोममीटर तक ट्रेन चलानी पड़ी थी। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
आंदोलन के कारण ट्रेन आगे नहीं जा सकती थी
मामला साल 2020 का है जब BHU में पढ़ने वाली एक लड़की के जिद के आगे रेलवे को ट्रेन चलानी पड़ी थी। रांची की रहने वाली अनन्या अपने घर जाने के लिए तब के मुगलसराय स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस में बी-3 कोच के 51 नंबर सीट पर सवार हुई थी। हालांकि, उसी दिन झारखंड के लातेहार जिले में टाना भगतों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा था और आंदोलन कर रहे थे। ट्रेन जैसे ही डाल्टेनगंज पहुंची, आंदोलन की वजह से उसे रोक दिया गया। घंटों बाद भी जब आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो रेलवे ने यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए उन्हें बस से उनके गंतव्य स्थान तक भेजने का फैसला किया।
रेलवे ने बस का इंतजाम किया
सभी यात्रियों के लिए बस मंगवाई गई और उन्हें रवाना किया जाने लगा। सब लोग बस से जाने को तैयार भी हो गए। लेकिन, अनन्या एक मात्र ऐसी यात्री थी जो ट्रेन से ही जाने पर अड़ गई। उसने वैकल्पिक व्यवस्था से जाने से इंकार कर दिया गया। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि अगर तुम्हें बस से जाने में तकलीफ है, तो मैं कार मंगा देता हूं। लेकन उसका कहना था कि जब उसने ट्रेन का टिकट खरीदा है तो फिर बस या कार से क्यों सफर करे।
रेलवे अधिकारी समझाते रह गए
अनन्या को काफी देर तक समझाया गया कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि आगे प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा है। बिना उनके हटे गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती। लेकिन छात्रा अपनी जिद पर अड़ी रही। ऐसे में रेलवे अधिकारी परेशान होकर इसकी सूचना रेलवे मुख्यालय को दे दी। मुख्यालय से भी कई बार प्रयास किया गया कि किसी भी तरह से छात्रा को मनाया जाए। लेकिन अनन्या अपने जिद पर अड़ी रही कि वो राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी।
रेलवे को जुकना पड़ा
आखिरकार छात्रा की जिद के आगे रेलवे को झुकना पड़ा और उसे राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची भेजा गया। हालांकि, रेलवे को रूट में बदलाव करना पड़ा था। ट्रेन को तय रूट के हिसाब से डाल्टेनगंज से सीधे रांची जाना था। लेकिन बाद में उसे गया से वाया गोमो और बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा था। इतना ही नहीं छात्रा की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने कई महिला सिपाहियों की भी तैनाती की थी। रेलवे के इतिहास में शायद यह एक अनूठा मामला है।