इंदौर। अभी तक तीसरी लहर Omicron New Variant In MP : में लोगों को ओमिक्रोन के कम खतरनाक असर दिखाने के चलते कम रिस्की माना जा रहा था। लेकिन अब ओमिक्रोन के नए सब वैरिएंट मिलने से दशहत बढ़ गई है। जी हां इंदौर में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 के 12 पेशेंट मिले हैं। जिनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं। टेंशन की बात यह है कि ये ओमिक्रोन के पुराने वैरिएंट की अपेक्षा नया वैरिएंट BA.2 स्ट्रेन सबसे ज्यादा तेजी से फैलता है। आपका बता दें, भारत में भी ओमिक्रॉन के इस नए स्ट्रेन के अब तक 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
तेजी से फैलता है BA.2
डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि BA.2 स्ट्रेन खतरनाक है या नहीं, लेकिन यह स्ट्रेन सबसे तेजी से फैलता है। BA.2 का कोई खास म्यूटेशन नहीं हैं। इसे डेल्टा वैरिएंट से अलग किया जा सकता है। ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वैरिएंट का पता सिर्फ जीनोम सिक्वेंसिंग से लगाया जा सकता है।
अभी तक फेफड़ों पर नहीं कर रहा था असर —
विशेषज्ञों के अनुसार अभी तक कोरोना की तीसरी लहर में ये वायरस लंग्स को इंफेक्टेड नहीं कर रहा था। लेकिन अब स्थिति विपरीत हो रही है। अब संक्रमण के चलते ये फेफड़ों पर असर करने से लोगों को एडमिट करने की स्थिति आने लगी है। 4 मरीज BA.1 स्ट्रेन से संक्रमित हैं। यह भी ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट है।
फेफड़ों को कर रहा 40 प्रतिशत इंफेक्टेड —
विशेषज्ञों की मानें तो BA.2 से संक्रमित पेशेंट के फेफड़ों में 5% से 40% तक इन्फेक्शन मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अरबिंदो हॉस्पिटल में भर्ती 17 साल के संक्रमित के फेफड़े इससे 40% तक इन्फेक्टेड पाए गए हैं। जिसमें से दो पेशेंट ICU में इलाजरत हैं। इसे लेकर अब डॉक्टरों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिच गई हैं।
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वैरिएंट में अपने आप को कर दिया है रोटेट —
आपको बता दें अभी तक ओमिक्रोन का पहला सब वैरिएंट BA.1 आया था। अरबिंदो हॉस्पिटल, इंदौर के डायरेक्टर डॉ. विनोद भंडारी द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार ओमिक्रॉन का पहला सब वैरिएंट BA.1 से रोटेट होकर BA.2 बन गया है। जिसके 6 जनवरी तक इसका लंग्स पर असर नहीं दिख रहा था। लेकिन अब तक 12 ऐसे मरीज सामने आ चुके हैं जो BA.2 से संक्रमित हैं। साथ ही जो 40% तक फेफड़ों को प्रभावित कर रहे हैं। टेंशन बढ़ाने वाली बात ये है कि अब मरीजों को ऑक्सीजन के साथ मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ने लगी है।
40 देशों में मिल चुका है ये वैरिएंट —
नए सब—वैरिएंट की बात करें तो ये अभी तक 40 देशों में अपनी दस्तक दे चुका है। इसका सबसे पहला मरीज डेनमार्क में सामने आया था। विशेषज्ञों द्वारा इसे लेकर एक बड़ी आशंका जताई जा रही है। जिसके चलते अब नया स्ट्रेन दो अलग—अलग नई पीक ला सकता है। जॉन हॉपकिन्स में विषाणु विज्ञानी ब्रायन जेले ने आशंका जताई है कि नए स्ट्रेन से यूरोप, उत्तरी अमेरिका में महामारी बढ़ सकती है। भारत में भी ओमिक्रॉन के इस नए स्ट्रेन के अब तक 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।