नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी के प्रिय रहे भजनों में से एक ‘ अबाइड विथ मी’ को इस साल से ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह Beating retreat ceremony 2022 से हटाने का फैसला किया है क्योंकि उसका मानना है कि देश की आजादी के 75वें साल आलोक में मनाए जा रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में भारतीय धुन अधिक अनुकूल हैं।
विपक्ष ने जताई आपत्ति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है और कहा कि यह विचारशील और संवेदनशील लोगों को आहत करता है।
स्कॉटिश कवि ने की थी रचना
अबाइड विथ मी की रचना स्कॉटिश एंजलिकन कवि और भजन ज्ञानी हेनरी फ्रांसिस लाइट ने सन 1847 में की थी और वर्ष 1950 से ही यह ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह का हिस्सा है। भारतीय सेना ने शनिवार को घोषणा की कि इस साल से समारोह में इसे शामिल नहीं किया जाएगा।
भारतीय मूल की धुनों को मिलेगी जगह
सूत्रों ने बताया कि केंद्र चाहता था कि अधिकतर भारतीय धुनों को समारोह में शामिल किया जाए, जिसके फलस्वरूप फैसला किया गया कि 29 जनवरी को आयोजित होने वाले समारोह में केवल भारतीय मूल के धुनों को ही बजाया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में भी ‘अबाइड विथ मी’ को समारोह से हटाने का फैसला किया था लेकिन बाद में विवाद होने पर इसे यथावत रहने दिया गया।
अबाइड विथ मी की जगह लेगा ये गीत
इस वर्ष के समारोह के लिए ‘ अबाइड विथ मी’ भजन के स्थान पर लोकप्रिय देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को लिया गया है जिसकी रचना कवि प्रदीप ने वर्ष-1962 के भारत-चीन युद्ध में भारतीय जवानों द्वारा दी गई शहादत को याद करने के लिए की थी। सूत्रों ने रेखांकित किया कि ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भारतीय धुन है और उन सभी के प्रति सम्मान प्रकट करती है जिन्होंने देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान किया।
समारोह के लिए जारी 26 धुनों की सूची
इस साल विजय चौक पर होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के लिए जारी ब्रॉशर में 26 धुनों की सूची दी गई है जिन्हें बजाया जाएगा। इनमें ‘हे कांछा’, ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘ नृत्य सरिता’, ‘ विजय जोश’, ‘ केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचीन’ आदि शामिल हैं।
महात्मा गांधी का प्रिय भजन
सरकार के इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को पणजी में पत्रकारों से कहा, ‘‘ अबाइड विथ मी’ पुराना भजन है जिसकी रचना 1847 में की गई थी। यह महात्मा गांधी का प्रिय भजन है। वर्ष 1950 में जबसे हम गणतंत्र हुये हैं गणंतत्र दिवस समारोह का आखिरी कार्यक्रम बीटिंग रिट्रीट का समापन इसी धुन से होता रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह बहुत दुखी करने वाला है कि ईसाई भजन जो अब ईसाई भजन नहीं रह गया है बल्कि धर्मनिरपेक्ष भजन है, गणतंत्र दिवस परेड से हटाया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दुखी करने वाला है कि सरकार ने भारत की आजादी के 75वें साल में भजन को हटाने का फैसला किया है।
इस साल से 23 जनवरी से समारोह शुरू
उल्लेखनीय है कि बीटिंग रिट्रीट के साथ 24 जनवरी से शुरू करीब एक सप्ताह के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। हालांकि, सरकार ने इस साल से 23 जनवरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से ही गणतंत्र दिवस समारोह शुरू करने का फैसला किया है।