नई दिल्ली। भारत की गिनती दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देशों में होती है। लेकिन, अब समय बदल रहा है। भारत अब दुनिया से केवल हथियार खरीदता ही नहीं है, बल्कि कई देशों को हथियार बेचता भी है। हाल ही में फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने का ऐलान किया है। यह सौदा 374.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर में किया गया है
भारत पर बाकी देश जता रहे हैं भरोसा
वहीं अब खबर है कि फिलीपींस भारत से 624 मिलियन डॉलर की लागत से 32 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी खरीदने जा रहा है। फिलीपींस और वियतनाम जैसे देश पहले चीन से हथियार खरीदते थे। लेकिन अब वे इस मामले में चीन से ज्यादा भारत पर भरोसा कर रहे हैं। आइए जानते हैं भारत किन-किन देशों को हथियार बेचता है।
पहले छोटे हथियार बेचता था
भारत 2016 के बाद से दूसरे देशों को हथियार बेच रहा है। हालांकि, ये हथियार ब्रह्मोस जैसे नहीं थे। बल्कि ये छोटे मोटे हथियार थे, जैसे सिम्युलेर्ट्स, आंसू गैस लॉन्चर, टॉपपीडो लोडिंग सिस्टम, अलार्म मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल, नाइट विजन मोनोक्यूलर, बख्तरबंद व्हीकल्स, सिक्योरिटी व्हीकल आदि। भारत इन हथियारों को 42 से ज्यादा देशों को निर्यात करता है।
आकाश मिसाइल को निर्यात करने का फैसला किया था
वहीं बड़े हथियारों की बात करें तो भारत ने सबसे पहले ‘आकाश’ मिसाइल (Akash Missile) को निर्यात करने का फैसला लिया था। 30 दिसंबर 2020 को कैबिनेट की बैठक में इसके निर्यात की मंजूर दी गई थी। बतादें कि साल 2014 में इसे भारतीय वायु सेना ने बनाया और साल 2015 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था। भारत का रक्षा निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2024 तक 35000 करोड़ रूपये का सालाना रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। मालूम हो कि साल 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात 1521 करोड़ था, जो साल 2018-19 में बढ़कर 10745 करोड़ रूपये हो गया। यानी करीब 700 फीसदी का उछाल है।
ये देश खरीदते हैं भारत से हथियार
वर्तमान में भारत सालाना करीब 17000 करोड़ रूपये का रक्षा निर्यात कर रहा है। वहीं साल 2030 तक रक्षा उद्योग में भारत को बड़ा प्लेयर बनकर उभरने का प्लान है। आयुध फैक्टरियों द्वारा आज इजरायल, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ब्राजील, बांग्लादेश, बलगारिया आदि देशों को हथियारों की बिक्री की जा रही है। इन देशों में सबसे ज्यादा खरीद UAE ने की है। हालांकि, भारत इस प्रयास में है कि फ्रांस समेत यूरोप के देश इन हथियारों को खरीदें।