चंडीगढ़ । कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच निर्वाचन आयोग ने 22 फरवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक लगा रखी है, ऐसे में पंजाब में राजनीतिक दल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिये मशक्कत कर रहे हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी समेत इन दलों की डिजिटल टीम 20 फरवरी को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए वीडियो क्लिप तथा ग्राफिक्स के माध्यम से अपने-अपने सोशल मीडिया प्लान बना रही हैं। कुछ दलों ने फेसबुक और ट्विटर समेत अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल रैलियां करने की योजना बनाई है ताकि अपने एजेंडे के बारे में लोगों तक सूचनाएं पहुंचा सकें। निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आठ जनवरी को जनसभाओं, रोडशो और नुक्कड़ सभाओं के आयोजन पर 15 जनवरी तक रोक लगाई थी। इस पाबंदी को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। अकाली दल राज्य में 10 साल के अपने शासन में किये गये विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
अब 20 फरवरी को कराने का फैसला किया
पार्टी के आईटी और सोशल मीडिया प्रमुख नशत्तर गिल ने कहा, ‘‘हम राज्य में अकाली दल नीत सरकारों द्वारा संचालित विकास और अवसंरचना परियोजनाओं को रेखांकित कर रहे हैं।’’ पार्टी के चुनावी वादों के अलावा अकाली दल की डिजिटल प्रचार टीम अपने प्रतिद्वंद्वी दलों पर भी निशाना साध रही है। प्रदेश भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख राकेश गोयल के अनुसार पार्टी ने राज्य के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में सोशल मीडिया प्रमुखों की नियुक्ति की है, ताकि बूथ स्तर पर मतदाताओं तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार के कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 17,000 से ज्यादा वॉट्सऐप समूह बनाये हैं।’’ कांग्रेस के प्रदेश सोशल मीडिया समन्वयक सम्राट ढींगरा ने कहा कि पार्टी ने मोहाली में ग्राफिक डिजाइनरों तथा लेखकों के साथ एक वार रूम तैयार किया है। निर्वाचन आयोग ने रविदास जयंती के मद्देनजर पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी के बजाय अब 20 फरवरी को कराने का फैसला किया है।