नई दिल्ली। देश में बैंकिग सेवाओं से लेकर अलग-अलग तरह की वित्तीय सेवाओं में KYC अनिवार्य है, ताकि सही व्यक्ति की पहचान की जा सके। अगर बैंक को किसी का पता वेरफाई करना होता है, तो इसके लिए KYC की जरूरत होती है। इतना ही नहीं सिम खरीदना हो या बैंक-पोस्ट ऑफिस में कोई स्कीम शुरू करनी हो, यहां तक कि म्यूचुअल फंड शुरू करना हो तो आपको KYC कराना जरूरी होता है।
लोगों को काफी भटकना पड़ता है
अक्सर लोगों को अलग-अलग KYC के लिए काफी भटकना पड़ता है। लेकिन अब इस परेशानी को सरकार दूर करना चाहती है। एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार वन नेशन-वन केवाईसी (One nation-One KYC) शरू करने जा रही है। गौरतलब है कि ज्यादातर ऑनलाइन सेवाओं के लिए सरकार ने केवाईसी को जरूरी कर दिया है। अगर आप केवाईसी से जुड़ी प्रक्रिया को पूरी नहीं करते हैं तो आपका काम अटक जाएगा।
पीयूष गोयल ने क्या कहा?
हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसके बारे में बात की। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि केवाईसी का सिंगल विंडो सिस्टम शुरू होना चाहिए, ताकि जनता को बार-बार भटकने से राहत मिल सके। केवाईसी के लिए एख साझा प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए जिसका इस्तेमाल अलग-अलग संस्थाएं कर सकें। हर बार ग्राहक को अलग-अलग KYC नहीं करानी पड़े।
ग्राहकों को क्या होगा इससे फायदा?
अगह यह सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो जाता है तो इससे ग्राहकों को काफी सहूलियत होगी और उनका समय भी काफी बचेगा। बार-बार KYC कराने से जो जानकारी लीक होने का खतरा रहता है उससे भी लोग सुरक्षित हो जाएंगे। सरकार की मानें तो सिंगल-विंडो केवाईसी की सुविधा शुरू होने से इक्विटी, ट्रेडिंग और बैंकिंग से जुड़े काम में अधिक लोग अपना निवेश बढ़ाएंगे। इससे लोगों की वित्तीय स्थिति सुधरने के साथ ही देश की आर्थिक स्थिति को भी फायदा होगा।
एक अनुमान के मुताबिक अगर ऐसा हो जाता है तो इससे वित्तीय कंपनियों को ज्यादा ग्राहक मिलेंगे। क्योंकि इससे बैंकों को ग्राहकों का खाता खोलना, शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना और क्रेडिट कार्ड पाना पहले से आसान हो जाएगा।