नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 Corona in Delh की कथित ‘कम’ जांच की चिंताओं को दूर करने की कोशिश के तहत दावा किया कि यहां पर आईसीएमआर की सिफारिश से तीन गुना अधिक नमूनों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिनकी जांच करने की जरूरत है उनकी जांच की जा रही है। केंद्र सरकार के नए दिशा निर्देश के मुताबिक बिना लक्षण वाले लोगों को जांच कराने की जरूरत नहीं है। साथ ही प्रयोगशाला की जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों को भी तबतक जांच कराने की जरूरत नहीं है जबतक उन्हें कोई सहरूगण्ता नहीं है या उनकी उम्र 60 साल से अधिक नहीं है। जैन ने कहा कि नए दिशानिर्देश सोच विचार कर तैयार किए गए हैं।
दिल्ली में हुई कितने नमूनों की जांच
दिल्ली में शुक्रवार को 67,624 नमूनों की जांच की गई जबकि बृहस्पतिवार को 79,578 नमूनों की जांच की गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को संक्रमण के कुल 28,867 नए मामले आए थे जो महामारी शुरू होने के बाद से अबतक एक दिन में संक्रमण के आने वाले मामलों की सबसे अधिक संख्या थी। शहर में बुधवार को 98,832 नमूनों की जांच की गई थी।
कोविड-19 पर पड़ा दिल्ली सरकार की पाबंदियों का असर
जैन ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में रविवार को करीब 17 हजार नए मामले आने की आशंका है। उन्होंने कहा,‘‘ अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या स्थिर है और कोविड-19 संक्रमण दर भी कम होगी। दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों का असर कोविड-19 के प्रसार पर हुआ है। हम पाबंदियों की समीक्षा करने से पहले तीन-चार दिन स्थिति की निगरानी करेंगे।’’ जैन ने शनिवार को कहा था कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी अपने चरम पर पहुंच चुकी है और जब संक्रमण के मामले घटकर 15 हजार तक आ जाएंगे तो सरकार पाबंदियों में ढील देने पर विचार करेगी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 के 20,718 नए मामले और 30 मरीजों की मौत दर्ज की गई जबकि संक्रमण की दर 30.64 प्रतिशत दर्ज की गई।