नयी दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान ने रविवार को एक साल पूरा कर लिया। इस पूरे एक साल के दौरान टीके की करीब 156.76 करोड़ खुराकें दी गईं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, करीब 92 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है जबकि करीब 68 प्रतिशत का टीकाकरण पूर्ण हो चुका है। केंद्र टीकाकरण अभियान का एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में रविवार दोपहर को एक डाक टिकट जारी करेगा।
कब शुरू हुआ था टीकाकरण अभियान
अभियान पिछले साल 16 जनवरी से शुरू हुआ था। जब पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की खुराकें दी गईं थी। इसके बाद अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के लिए टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थी।अभियान के अगले चरण में 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से शुरू हुआ था। सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का दायरा एक मई 2021 से और बढ़ा दिया था। इसके बाद 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से शुरू हुआ।
10 जनवरी से शुरू हुआ था एहतियाती खुराक देना
भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदान कर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को रोकने की कवायद के तहत एहतियाती खुराक दी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि टीकाकरण के लिए काफी कम जनसंख्या वाले कई विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत का टीकाकरण कार्यक्रम सबसे सफल और सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है। रविवार सुबह सात बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोविड-19 टीकाकरण के तहत 156.76 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। 43.19 लाख एहतियाती खुराकें देने के साथ ही 15 से 18 आयु वर्ग के 3,38,50,912 लाभार्थियों को पहली खुराक दी जा चुकी है।