रामनगर। कांग्रेस की कर्नाटक ईकाई ने कोविड-19 संबंधी चिंताओं के कारण और जन स्वास्थ्य के हित में अपनी मेकेदातु पदयात्रा अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दरमैया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसलिए पदयात्रा नहीं रोक रही कि उसे अपने नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने का डर है या भाजपा सरकार ने इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के धीमी पड़ने और पाबंदियों में ढील दिए जाने पर पदयात्रा फिर शुरू की जाएगी। सिद्दरमैया ने कहा, ‘‘हमें कर्नाटक में लोगों की सेहत की चिंता है, यह देखना हमारी जिम्मेदारी है कि हमारी पदयात्रा के कारण कोविड न फैले, सभी आवश्यक उपाय किए जाने के बावजूद हमें चिंता है, इसलिए हमने आज चर्चा की। हम नहीं चाहते कि लोगों को लगे कि कोविड की बिगड़ती स्थिति के लिए हम जिम्मेदार हैं।’’
पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से यहां बातचीत में उन्होंने कहा कि पदयात्रा कल शाम तक बेंगलुरु पहुंचनी थी, जहां कोविड के मामले बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘..इसलिए हमने इस पदयात्रा को यहां अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। एक बार जब तीसरी लहर धीमी हो जाएगी और कोविड-19 संबंधी नियमों में ढील दी जाएगी तो हम रामनगर से शेष पदयात्रा शुरू करेंगे।’’
उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों और सरकार के गत रात पदयात्रा में भाग ले रहे लोगों तथा वाहनों की आवाजाही निषिद्ध करने के आदेश के बाद कांग्रेस ने पदयात्रा रोकने का फैसला किया है। इसके अलावा नौ जनवरी को पदयात्रा के उद्घाटन में शामिल हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के कई नेता कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सिद्दरमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी के शिवकुमार से पदयात्रा रोकने की अपील की। मेकेदातु परियोजना के क्रियान्वयन की मांग को लेकर कांग्रेस की 10 दिवसीय पदयात्रा का बृहस्पतिवार को पांचवां दिन है। पड़ोसी राज्य तमिलनाडु इस परियोजना का विरोध कर रहा है।