भोपाल। इस बार समय में परिवर्तन Til Use On Makar Sankranti 2022 और सूर्य के गोचर का समय बदलने से मकर संक्रांति 14 जनवरी को नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जाएगी। पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार चूंकि 14 जनवरी की रात 9:8 मिनट सूर्य का गोचर होगा। इसलिए मकर संक्रांति की अर्की यानि जो संक्रांति का स्नान का समय है वह यही रहेगा। इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार इस विशेष मुहूर्त में स्नान करने से व्यक्ति के कुष्ठ रोग तक दूर हो जाते हैं।
इसलिए होता है तिल का उपयोग —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार तिल को धान्य यानि अनाज में श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए इस दिन हर चीज में तिल का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसके लड्डुओं और अन्य भोजन के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। इससे उबटन करने से त्वचा रोगों में लाभ होता है।
पांच प्रकार से उपयोग देता है लाभ —
- अगर आप पितरों की कृपा पाना चाहते हैं तो इसके लिए तांबे के लोटे में काले तिल भरकर उस पर सोने का दाना रखकर ब्राह्मण को दान करें। ऐस करने से कुंडली का व्यतिपात दोष दूर होता है।
- आर्थिक प्रग्रति और मांगलिक कार्यो में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं। साथ ही देव, ऋषि व पितृ की कृपा चाहते हैं तो किसी तीर्थ स्थान पर जारक तिल से तर्पण करना चाहिए।
- अगर आप पितृ ऋण से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए संक्रांति पर तिल के तेल व तिल्ली के उबटन से स्नान करना चाहिए। इसके अलावा पानी में काले व सफेद तिल डालकर स्नान करने से भी ऐसा माना जाता है कि पितृ ऋण समाप्त होते हैं।
- यदि आप भगवान की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आपको मकर संक्रांति के दिन सफेद और काले तिल से हवन करना चाहिए। इसी के साथ इस दिन भोजन में भी तिल का उपयोग जरूर करना चाहिए।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।