नई दिल्ली। कर्ज संकट का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर होगा। वीआईएल ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी। अगर यह योजना पूरी हो जाती है, तो सरकार कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में एक बन जाएगी। कंपनी पर इस समय 1.95 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
वोडाफोन आइडिया ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘… निदेशक मंडल ने 10 जनवरी 2022 को हुई अपनी बैठक में, स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों और एजीआर बकाया से संबंधित कुल ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दी है। कंपनी के अनुमानों के मुताबिक इस देनदारी का सकल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) लगभग 16,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसकी पुष्टि दूरसंचार विभाग द्वारा की जानी है।’’
वीआईएल ने कहा कि चूंकि कंपनी के शेयरों की औसत कीमत 14 अगस्त 2021 के पार वैल्यू से नीचे थी, इसलिए सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयरों का आवंटन किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर दूरसंचार विभाग की मंजूरी ली जानी है। कंपनी ने बताया कि यदि यह योजना पूरी होती है तो वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी से आसपास हो जाएगी, जबकि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी करीब 28.5 प्रतिशत (वोडाफोन समूह) और 17.8 प्रतिशत (आदित्य बिड़ला समूह) रह जाएगी।
कंपनी की कुल देनदारी 30 सितंबर, 2021 तक 1,94,780 करोड़ रुपये थी। इसमें 1,08,610 करोड़ रुपये का विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व, 63,400 करोड़ रुपये की एजीआर देनदारी और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से लिया गया 22,770 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है। वीआईएल के शेयर दोपहर के कारोबार के दौरान बीएसई पर 15.49 फीसदी की गिरावट के साथ 12.55 रुपये पर थे। कंपनी ने बताया कि शेयर तरजीही आधार पर सरकार को जारी किए जाएंगे और मूल्य निर्धारण की प्रासंगिक तारीख 14 अगस्त, 2021 होगी।