नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 17,000 मामले आने की आशंका है और संक्रमण दर 17 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सबसे पहले संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई क्योंकि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें राजधानी में आती हैं। जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इसलिए हमने, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अन्य राज्यों की तुलना में सख्त कदम लागू किए। कुछ लोग कह सकते हैं कि इसकी आवश्यकता नहीं है लेकिन बाद में पछताने से यह बेहतर है।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप को ‘‘हल्का’’ बताए जाने के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि केवल विशेषज्ञ ही यह बता पाएंगे कि यह हल्का है या नहीं।जैन ने कहा, ‘‘मैं आपको आंकड़े दे सकता हूं, जो मेरे पास हैं। दिल्ली में करीब 31,498 मरीज उपचाराधीन हैं और अस्पतालों में केवल 1,091 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछली बार इतने ही मामले थे तो अस्पतालों में करीब 7,000 मरीज भर्ती थे।’’मंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमण की गंभीरता के मद्देनजर ‘ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के तहत विभिन्न स्तरों पर पाबंदियां तथा अलर्ट जारी करने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मामलों में एक दिन में कुल 15,000 मामले आने का मतलब होगा कि अस्पतालों में 3,000 से 4,000 मरीजों का भर्ती होना। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अब इसकी 10 प्रतिशत है तो काफी फर्क है और हमें इसे स्वीकार करना होगा।’’जैन ने कहा कि जब पिछली बार दिल्ली में 30,000 मरीज उपचाराधीन थे तो 1,000 मरीज वेंटीलेटर पर थे जबकि अब 24 मरीज वेंटीलेटर पर हैं। इसका मतलब है कि इस बार संक्रमण कम घातक है।’’
यह पूछे जाने पर कि जिन मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है वे अस्पतालों में क्यों भर्ती हैं, जैन ने लोकनायक अस्पताल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि लोक नायक अस्पताल में कोविड के करीब 95 मरीज भर्ती हैं और उनमें से केवल 14 को ऑक्सीजन लगी है। जैन ने कहा कि अन्य मरीज अस्पताल में हैं क्योंकि उन्हें कोरोना वायरस के अलावा अन्य समस्याएं हैं जैसे कि कैंसर या किडनी की बीमारियां।