नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को डिजिलॉकर खातों में उपलब्ध डिग्री, अंकपत्रों और अन्य दस्तावेजों को वैध प्रमाणपत्रों के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में कहा, ”जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार (एनएडी) अकादमिक संस्थानों द्वारा डिजिटल प्रारूप में रखे गए अकादमिक पुरस्कारों (डिग्री और अंकपत्र) का एक ऑनलाइन भंडार है। यह छात्रों को सीधे डिजिटल प्रारूप में प्रामाणिक दस्तावेज और प्रमाणपत्र प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।”
पत्र में कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज डिजिलॉकर खातों में उपलब्ध डिग्री, अंकपत्रों और अन्य दस्तावेजों को वैध प्रमाणपत्रों के रूप में स्वीकार करें। शैक्षणिक संस्थान डिजिलॉकर एनएडी पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं और अपने संस्थान के शैक्षणिक पुरस्कारों को एनएडी पर अपलोड कर सकते हैं।