लखनऊ। दो दिन पहले पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवालिया निशान लगाते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि जो भी इसके पीछे होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, यह देश की जनता की मांग हैं। ठाकुर शुक्रवार को दो दिवसीय दूरदर्शन कॉन्क्लेव ‘कितना बदला यूपी’ के पहले दिन उद्घाटन सत्र में यहां बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के शीर्ष नेृतत्व की चुप्पी बहुत कुछ कहती हैं। प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में जो चूक हुई इसके पीछे क्या है? यह कैसे हो सकता है? क्यों होने दिया गया? क्या मंशा थी? और जो भी इसके पीछे होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, यह देश की जनता की मांग हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री देश के हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की जिम्मेदारी है। जिस राज्य में प्रधानमंत्री का दौरा है वहां के मुख्यमंत्री, वहां के कांग्रेस के अध्यक्ष के बेतुके बयान जिस तरह से आए हैं वह अपने आप में यह दिखाते हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं?”
कॉन्क्लेव में एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, “देश की जनता बहुत समझदार है, समझती है कि सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी और विपक्ष के बड़े नेता चुप क्यों हैं?….क्या यह सोची, समझी, संयोजित थी?… आखिरकार यह जानने का हक देश की जनता को भी है?…आखिर इनकी (विपक्ष के बड़े नेताओं की) चुप्पी के पीछे कारण क्या है?”
उन्होंने कहा, “…किसी रूट पर यहां तक कि उस राज्य के मुख्यमंत्री भी जाते हैं तो सावधानी ली जाती हैं कि इस तरह का कहीं पर न हों। जब प्रधानमंत्री जाते हैं तो उनके लिए भी दिशा-निर्देश होते हैं कि रूट कहां से लगेगा? आगे से कोई बस कैसे आ सकती हैं ? आंदोलनकारी उस रूट पर कैसे हो सकते हैं ? एक फ्लाईओवर पर देश के प्रधानमंत्री को 20 मिनट तक रोक कर रखा जाता हैं। यह कहां पर कैसे हो सकता है?… देश के लोगो ने इसको बड़ी गंभीरता से लिया है।…इसमें केवल पंजाब की सरकार की बात नहीं हैं बल्कि यह कांग्रेस की सोच को दिखाता है कि इसके पीछे कांग्रेस की मंसूबे क्या थे…।”
गौरतलब है कि बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में रैली को संबोधित करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला हुसैनीवाला क्षेत्र में एक फ्लाईओवर पर पहुंचा। तभी कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया। प्रधानमंत्री कुछ देर तक वहीं फंसे रहे जिसके बाद वह वहीं से वापस लौट गए। इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक के तौर पर देखा जा रहा है। इस मामले को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।