Google Maps: आज के समय में ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो कभी न कभी गूगल मैप (Google Map) का इस्तेमाल तो जरूर किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Google Map बनाने का विचार सबसे पहले किसके दिमाग में आया था। ज्यादातर लोग इस चीज के बारे में नहीं जानते होंगे। माना जाता है कि किसी भी आइडिया के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर छिपी होती है।
हम पहले ही इन चीजों को जान जाते हैं
गूगल मैप की बदौलत आज हम किसी भी एड्रेस को बड़ी आसानी से खोज लेते हैं। किसी एड्रेस तक पहुंचने के लिए हमे कितना समय लगेगा, कौन से रास्ते पर जाम है, कौन सा रास्ता खुला है। यह सब हम अब चुटकियों में मैप के जरिए आसानी से जान जाते हैं। गाड़ी ड्राइव करने वाले ज्यादातर लोग गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं।
सुंदर पिचई को आया था आइडिया
मैप्स का आइडिया सबसे पहले गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) को आया था। ये बात साल 2004 की है। तब उनके एक जानने वाले ने उन्हें अपने घर डिनर पर बुलाया था। पिचई डिनर के लिए अपनी पत्नी के साथ वहां जाने वाले थे। ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि ‘मैं शाम में ऑफिस के बाद सीधा डिनर के लिए जानकार के घर पहुंच जाउंगा’ आप भी शाम में घर से सीधे वहीं चली आना।
पत्नी गुस्से में निकल गई थीं
डिनर का प्रोग्राम रात को 8 बजे तय था। ऐसे में पहले सुंदर पिचई की पत्नी अंजलि अपनी कार से रात को आठ बजे डिनर के लिए पहुंच गई। पिचई भी ऑफिस से निकल पड़े, लेकिन जानकार के घर जाते वक्त वह रास्ता भटक गए। वहां पहुंचते-पहुंचते पिचई लगभग 2 घंटे लेट हो गए। पिचई जब तक वहां पहुंचते तब तक उनकी पत्नी वहां से डिनर करके निकल चुकी थीं।
पूरी रात उन्होंने ऑफिस में बिताई
सुंदर पिचई मामले की गंभीरता को समझ गए थे। ऐसे में वो बिना कुछ खाये वहां से अपने घर के लिए निकल गए। घर पहुंचते ही पत्नी ने उनसे झगड़ना शुरू कर दिया, क्योंकि पिचई समय पर डिनर के लिए नहीं पहुंचे थे। पत्नी का मूड खराब देखकर सुंदर पिचई वापस ऑफिस लौट गए और उन्होंने पूरी रात ऑफिस में ही बिताई। पिचई पूरी रात एक ही बात सोचते रहे- जब मैं रास्ता भटक सकता हूं तो न जाने कितने लोग रोजाना ऐसे ही रास्ता भटक जाते होंगे। अगर मेरी जेब में नक्शा होता तो शायद मुझे सही दिशा मिल जाती और मैं रास्ता नहीं भटकता।
टीम को इस आइडिया पर भरोसा नहीं था
अगली सुबह सुंदर पिचई ने अपनी पूरी टीम को बुलाया और Google Map बनाने का आइडिया सबके सामने रखा। पहले तो टीम ने ये आइडिया सुनते ही हाथ खड़े कर दिए। क्योंकि उन्हें इस आइडिया पर भरोसा नहीं था, लेकिन लगभग दो दिन लगातार टीम के साथ मीटिंग की और उन्हें एक ऐसा प्रॉडक्ट डिजाइन करने के लिए मना लिया, जो लोगों को राह दिखा सके।
1 साल के अंदर इसे तैयार किया गया
सुंदर पिचई और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत करके साल 2005 में गूगल मैप बनाकर अमेरिका में लॉन्च कर दिया। इसके अगले साल इंग्लैंड में और साल 2008 में इसे भारत में लॉन्च कर दिया गया। Google मैप की सफलता को आप इसी बात से समझ सकते हैं कि लगभग दुनिया भर लोग आज इसका इस्तेमाल करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में हर सातवां इंसान गूगल मैप्स का इस्तेमाल करता है।