इंदौर। Petroleum Commercial Tax मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अक्टूबर के बीच पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर मध्य प्रदेश सरकार का वाणिज्यिक कर राजस्व 35 प्रतिशत बढ़कर 7,393.74 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने मंगलवार को बताया कि उन्हें राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग से सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत यह जानकारी मिली है।
7,115.21 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक कर
उन्होंने आरटीआई ब्योरे के हवाले से बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश सरकार के खजाने में अप्रैल से अक्टूबर के बीच पेट्रोल, डीजल और एटीएफ से कुल 7,393.74 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक कर राजस्व जमा हुआ। इसमें 7,115.21 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक कर और 278.53 करोड़ रुपये का उपकर शामिल है।
Petroleum Commercial Tax आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, कोविड-19 का भीषण संकट झेल चुके पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच प्रदेश सरकार को पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर कुल 5,472.81 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक कर राजस्व हासिल हुआ था। इसमें 5,261.38 करोड़ रुपये का वाणिज्यिक कर और 211.43 करोड़ रुपये का उपकर शामिल है।
पेट्रोल पर 29 प्रतिशत और डीजल पर 19 प्रतिशत वाणिज्यिक कर
गौड़ को आरटीआई के जरिये यह भी पता चला कि वर्तमान में राज्य सरकार पेट्रोल पर 29 प्रतिशत और डीजल पर 19 प्रतिशत की दर से वाणिज्यिक कर वसूल रही है। इसके साथ ही, दोनों ईंधनों पर एक-एक प्रतिशत की दर से उपकर की वसूली की जा रही है। आरटीआई से मिले ब्योरे के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से कर वसूला जा रहा है।