भोपाल। शिवराज सरकार प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली police commissioner system लागू करने के बाद यूपी की तर्ज पर गैंगस्टर एक्ट लागू करने की तैयारी है। इस एक्ट का ड्राफ्ट गृह विभाग तैयार कर चुका है। सीएम शिवराज की सहमति के बाद इसे कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। जिसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया जा सकता है।
कैसा होगा गैंगस्टर एक्ट ?
माना जा रहा है कि प्रस्तावित गैंगस्टर एक्ट gangster act में पुलिस को आरोपी से पूछताछ के लिए रिमांड की अवधि दो माह तक मिल सकेगी। कलेक्टर को ये अधिकार होगा कि वो आरोपियों की संपत्ति की जांच कर सकेंगे। अगर घोषित आय से ज्यादा संपत्ति होने के सबूत मिलेंगे, तो उसे जब्त या कुर्क किया जा सकेगा। आरोपी को ही साबित करना होगा कि उसने वैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है।
कोर्ट में सुनवाई की विशेष व्यवस्था
गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों पर कोर्ट में अलग से सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी। ताकि फैसला जल्द हो सके। एक्ट में गवाहों को सुरक्षा देने के लिए भी प्रावधान होंगे। इसके दायरे में ऐसे सभी अपराधों को शामिल किया गया हैं, जिसमें एक से ज्यादा लोगों की भूमिका होती है। गृह विभाग ने इस एक्ट का ड्राफ्ट उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट और मध्यप्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है।
किन अपराधों में लगेगा गैंगस्टर एक्ट
मध्यप्रदेश में प्रस्तावित गैंगस्टर एक्ट से मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी और जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण और व्यापार, अवैध खनन जैसे संगीन अपराधों पर रोक लगाने में मदद मिलने की उम्मीद के साथ लाया जा रहा है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिए थे संकेत
प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कुछ दिन पहले ही संकेत दिए थे कि एमपी में जल्द गैंगस्टर एक्ट (gangster act) आने वाला है। ये एक्ट संगठित गिरोह है और समाज विरोधी गतिविधियों पर रोक के लिए लाया जा रहा है। इसमें सरकार ने कई कड़े प्रावधान किए है और तुरंत कार्रवाई भी की जाएगी। मध्य प्रदेश में अवैध रेत खनन, मिलावटी शराब और नकली दवा जैसे कई संगठित अपराधों जैसे मामलों पर रोक लगेगी।