भोपाल। प्रदेशभर में कोरोना की जांच को लेकर अगले महीने से बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही है। प्रदेश के 46 जिला अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच हो सकेगी। अभी सिर्फ सिंगरौली और मंदसौर जिला अस्पताल में ही कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की जाती है यह जांच शुरू करने के लिए भारत सरकार की तरफ से पीसीआर मशीनें दी जा रही हैं। अगले महीने मशीनें मिलने की पूरी उम्मीद है। मशीनें आने के हफ्ते भर बाद जांचें शुरू हो जाएंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कोरोना के सैंपलों की जांच रिपोर्ट उसी दिन या अगले दिन मिल जाएगी अभी दो जिला अस्पताल, मेडिकल कालेजों के अलावा प्रदेश में स्थित भारत सरकार के पांच चिकित्सा संस्थानों में कोरोना की जांच की जाती है।
सरकारी अस्पतालों में ऐसी है जांच की सुविधा
संस्थान– जांच की क्षमता
जीएमसी भोपाल- 2300
एमजीएमसी इंदौर- 2300
मेडिकल कालेज खंडवा- 920
मेडिकल कालेज दतिया- 920
मेडिकल कालेज शिवपुरी- 920
बीएमएचआरसी- 700
मेडिकल कालेज जबलपुर- 1840
डीआरडीई ग्वालियर- 150
एम्स- 1100
जीआरएमसी ग्वालियर- 2300
निशाद (प्रयोगशाला) भोपाल- 100
आइसर, भोपाल- 50
मेडिकल कालेज, विदिशा- 920
मेडिकल कालेज, सागर- 2300
एनआइआरटीएच, जबलपुर- 350
मेडिकल कालेज, शहडोल- 1380
कुल– 18,550
इसलिए जरूरी है सभी जगह जांच की सुविधा
कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जांचें आरटी-पीसीआर तकनीक से करने को कहा है। हर दिन 70 हजार सैंपल जांचने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य के विरुद्ध हर दिन करीब 55 हजार जांचें ही हो पा रही हैं। इनमें 19 हजार से 25 हजार के बीच जांचें रैपिड एंटीजन किट से की जा रही हैं। आरटी-पीसीआर से ज्यादा जांच नहीं हो पाने की वजह इतनी जांच की सुविधा नहीं होना है। प्रदेश सरकार ने दो निजी लैब से भी अनुबंध किया है। इनमें हर दिन करीब पांच हजार सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।प्रदेश में आरटी-पीसीआर जांच की सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। अभी भी जितने सैंपल आ रहे हैं उन सभी की जांच रिपोर्ट लैब में उसी दिन आ रही है।