नई दिल्ली। हमारे धर्म शास्त्र में हर चीज के लिए एक विशेष योग का महत्व होता है। इसी तरह अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं। तो इसके लिए पुष्य नक्षत्र खास माना जाता है। इस साल का आखिरी पुष्य नक्षत्र 21 और 22 दिसंबर को पड़ेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार इस साल का आखिरी पुष्य नक्षत्र 21 से 22 दिसंबर को पड़ेगा। इसके बाद 18 जनवरी को भौम नक्षत्र योग आएगा। यह योग भी खास माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अलावा वेदों और पुराणों में भी पुष्य नक्षत्र के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। जिनके कारण इस नक्षत्र को बहुत ही खास माना गया है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य मांगलिक और महत्वपूर्ण कामों की शुरुआत की जाती है। इसके साथ ही खरीदारी, निवेश और बड़े व्यापारिक लेन-देन इस नक्षत्र में करना शुभ माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
पाणिनी संहिता के अनुसार ‘पुष्य सिद्धौ नक्षत्रे सिध्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि सिध्यः। पुष्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि इति पुष्य।।’ यानि पुष्य नक्षत्र में शुरू किए गए सभी कार्य पुष्टि दायक, सर्वार्थसिद्ध तथा फलीभूत होते हैं।
वेदों में पुष्य —
पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ या मांगलिक तारा कहते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। ये प्रतीक चिन्ह भी हमें पुष्य नक्षत्र के स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताता है। गाय को भारतवर्ष में प्राचीन तथा वैदिक काल से ही पूज्य माना जाता है। गाय के दूध की तुलना वैदिक संस्कृति में अमृत के साथ की जाती थी। पुष्य नक्षत्र गाय के थन से निकले ताजे दूध जैसा पोषणकारी, लाभप्रद व देह और मन को प्रसन्नता देने वाला होता है। इसलिए ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र को मंगल कर्ता, वृद्धि कर्ता और सुख समृद्धि देने वाला भी कहा गया है।
ज्योतिष में पुष्य
27 नक्षत्रों में पुष्य का स्थान 8 वां है। इस नक्षत्र के उदय होने पर ज्योतिषी शुभ कार्य करने की सलाह देते हैं। सभी नक्षत्रों में इसे सबसे अच्छा माना जाता है। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। धन के देवता को पुष्य नक्षत्र के लिए खास माना जाता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसलिए सोना, चांदी और नए सामानों की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।