नई दिल्ली। किस जघन्य अपराध के लिए आपने इंसानों को फांसी देने की सजा के बारे में तो सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार एक हाथी को भी फांसी की सजा दी गई थी। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन ये सच है। 105 साल पहले अमेरिका में इस वाक्ये को अंजाम दिया गया था। आज के समय में अगर इस वाक्ये को अंजाम दिया जाता तो लाजिम है कि पूरी दुनिया में इसका विरोध होता। क्योंकि जानवरों के प्रति क्रूरता से कम इसे और कुछ नहीं कह सकते।
इतने लोगों के बीच हाथी को फांसी पर लटका दिया गया
इस खौफनाक घटना को 13 सिंतबर 1916 में अंजाम दिया गया था। अमेरिका के टेनेसी राज्य में दो हजार से ज्यादा लोगों के बीच में मैरी नाम के हाथी को फांसी पर लटका दिया गया था। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों किया गया था। बता दें कि इसके पीछे की वजह बहेद ही अजीब थी, जिसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी।
मैरी एक एशियाई हाथी था
दरअसल, चार्ली स्पार्क नाम का एक व्यक्ति टेनेसी में ‘स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो’ नाम का एक सर्कस चलाता था। उस सर्कस में कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी था। करीब पांच टन वजनी मैरी उस सर्कस का मुख्य आकर्षण था। कहते हैं कि एक दिन मैरी के महावत ने किसी कारणवश सर्कस छोड़ दिया, जिसके बाद आनन-फानन में उसकी जगह पर एक दूसरे महावत को रखा गया। अब चूंकि नए महावत को मैरी हाथी के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं थी और ना ही मैरी ने उस महावत के साथ ज्यादा समय बिताया था, इसलिए मैरी को कंट्रोल करने में महावत को परेशानी हो रही थी।
परेड के दौरान हुई घटना
इसी बीच एक दिन सर्कस के प्रमोशन के लिए शहर में परेड का आयोजन किया गया, जिसमें मैरी समेत सारे जानवर और सर्कस के सभी कलाकार शामिल हुए। शहर के बीचों-बीच परेड निकाली गई। इस दौरान रास्ते में मैरी को कुछ खाने की चीज दिखी, जिसके लिए वह तेजी से आगे बढ़ने लगा। नए महावत ने मैरी को रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वो उससे नहीं रूका।
महावत ने हाथी को रोकने की बहुत कोशिश की
महावत ने अंत में उसे रोकने के लिए कान के पीछे भाला मारा, जिससे हाथी और तिलमिला उठा और गुस्से में उसे नीचे पटक दिया और उसके ऊपर अपना भारी-भरकम पैर रख दिया, इस घटना में महावत की मौत हो गई। यह घटना देख कर लोग इधर-उधर भागने लगे। वहीं कुछ लोगों ने हाथी को मार डालने के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि उस समय तो यह मामला शांत हो गया, लेकिन अगले दिन के अखबारों में इस घटना को प्रमुखता से छापा गया, जिसके बाद घटना पूरे शहर में तेजी से फैल गई।
शहर के लोग मालिक से मृत्युदेंड देने की मांग करने लगे
शहर के लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क से मैरी (हाथी) को मृत्युदंड देने की मांग करने लगे। साथ ही उन्होंने धमकी भी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो शहर में फिर कभी सर्कस नहीं होने देंगे। कई लोगों ने कई तरह से हाथी को मारने की बात कही। किसी ने ट्रेन से कुचलवा कर मारने को कहा तो किसी ने हाथी को करंट देकर मारने की बात कही। आखिरकार लोगों की जिद के आगे चार्ली स्पार्क को झुकना पड़ा और उन्होंने मैरी (हाथी) को मृत्युदंड देने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया। इस घटना को इतिहास में जानवरों के प्रति मानवता का सबसे क्रूर उदाहरण माना जाता है।
सुअर और सांड को भी दी गई थी फांसी की सजा
इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1386 में एक सुअर को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसने एक बच्चे पर हमला कर दिया था। उसे पहले अपराधी की तरह पकड़ा गया था, बकायदा काले कपड़े से उसका चेहरा ढका गया था और फिर उसे फांसी पर लटका दिया गया था। रिपोर्ट्स में इसी तरह की एक और घटना का जिक्र है। ये घटना घटना 1314 ईस्वी की है, सांड ने एक शख्स को बुरी तरीके से घायल कर दिया था। इसी आरोप के जवाब में सांड को फांसी की सजा पर चढ़ा दिया गया था।