नई दिल्ली। वैसे तो सभी ग्रह अपने स्वभाव के Shani Rashi Parivartan 2022 अनुसार विभिन्न राशियों पर असर डालते हैं। लेकिन इनमें सबसे क्रूर ग्रह माने जाने वाले शनि का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है।
27 मई से वक्री हुए शनि 29 सितंबर को मार्गी हो चुके हैं। जिसके बाद से शनि की साढ़े साती या अढ़ैया वालों के लिए प्रभाव बदलने लगे हैं। पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार ज्योतिष में सबसे क्रूर ग्रह माने जाने वाले शनि का राशि परिवर्तन (Shani Ka rashi Parivartan) बड़ा बदलाव वाला लेकर आता है।
अगले साल बदलेगी शनि की चाल –
अब अगले वर्ष 2022 में 22 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन करेंगे। shani ki sade sati जब वे मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही धनु राशि पर साढ़े साती Shani Ki Sade Sati समाप्त होकर मीन राशि पर प्रारंभ हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार शनि की साढ़े साती और अढैय्या जीवन में कई मुश्किलें पैदा करती हैं। इससे मुक्त राशियों (Zodiac Sign) राहत महसूस करती हैं। शनि की टेढ़ी नजर राजा को रंक बना देती है। आने वाले 10 वर्षों यानि 2022 से 2031 तक में 5 राशियां ऐसी होंगी जिन पर साढ़े साती का साया नही होगा।
ये 5 राशियां रहेंगी साढ़े साती से मुक्त –
आने वाले 10 वर्षों की बात करें तो कर्क, सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक जातकों पर शनि की साढ़े साती नहीं रहेगी। इनमें से कुछ को शनि की ढैय्या का प्रभाव झेलना पड़ सकता है। जिनकी कुंडली में शनि अच्छे हैं। उनके लिए शनि की दोनों स्थितियां यानी शनि की साढ़े साती और ढैय्या दोनों ही शुभ फल देते हैं।
शनि के स्थान पर निर्भर करता है इसका प्रभाव —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार शनि अच्छे व बुरे, दोनों प्रकार के प्रभाव डालता है। ये दोनों प्रभाव हमारी कुंडली में बैठे शनि के स्थान पर निर्भर करता है। जब यह 7 अंक यानि तुला राशि पर होता है तो यह उच्च का होता है। उच्च का शनि होने पर सबसे अच्छा फल देता है। उस समय यह धन, राज्य और यश प्राप्त कराता है। अपनी राशि मकर और कुंभ में होने पर साधारण फल देता है। जब यह 6, 8 ,12 भाव में होता है तो क्रमश: रोग, कष्ट और धन व्यय कराता है। शनि की दशा से सभी को सावधान रहने की जरूरत है। 27 मई को शनि वक्री हो रहा है। इसके बाद और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
ऐसे समझें साढ़े साती और अढ़ैया —
शनि की साढ़े साती 7.5 वर्ष की होती है। यह तीन 2.5 के तीन भागों में विभाजित होती है। जिससे कुल मिलाकर 7.5 वर्ष होते हैं। शुरू के 2.5 वर्ष यह सिर पर, उसके बाद 2.5 वर्ष पेट पर और अंतिम 2.5 वर्ष पैर पर होती है। ज्योतिषियों की माने तो उतरती हुई साढ़ेसाती शुभ फल देकर जाती है। इसी तरह अढ़ैया भी 2.5 वर्ष की होती है जो तीन भागों में विभाजित होकर क्रमश सिर, पेट और पैर पर होती है।
इन राशियों पर चल रही अढ़ैया –
वर्तमान में मिथुन, तुला के जातकों पर शनि की अढ़ैया चल रही है। अढ़ैया का समय ढाई वर्ष का होता है।
इन पर चल रही साढ़ेसाती –
धनु, मकर, कुंभ पर शनि की साढ़ेसाती Margi Shani 29 Sep चल रही है। साढ़ेसाती का समय 7.5 वर्ष का होता है।
शनि की शांति के लिए करें ये उपाय –
प्रत्येक शनिवार को करें शनिदेव की पूजा Shani Dev को How to worship Shani Dev प्रसन्न रखना जरूरी बताया गया है। मान्यता अनुसार शनिवार को सही तरीके से इनकी पूजा की जाए ग्रहों की दशा सुधरती है। फलस्वरूप उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय।
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं, Bansal News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)