भोपाल। प्रदेश में इस बार Weather Update लोगों को अगले साल की शुरुआत में यानि जनवरी—फरवरी में भी ओले की मार झेलनी पड़ सकती है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस बार की ठंड का अहसास लोगों को ज्यादा दिनों तक झेलना पड़ सकता है। ठंड का कोई रिकार्ड नहीं टूटेने के संकेत भी दिए हैं।
सामान्यत: सर्दी दिसंबर के आखिरी सप्ताह और जनवरी के दो सप्ताह के दौरान सबसे अधिक होती है। लेकिन इस बार इसका असर फरवरी में भी देखने को मिलेगा। इसकी मुख्य वजह ला नीना को बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक जेडी मिश्रा के अनुसार इस बार ठंड के दिन सबसे ज्यादा होने जा रहे हैं। हालांकि अब तक की स्थिति में रिकॉर्ड ठंड नहीं होगी, लेकिन दिन और रात के तापमानों में उतार—चढ़ाव जरूर देखने को मिल सकता है।
इन हिस्सों में न्यूनतम तापमान हो सकता है अधिक —
मौसम विभाग द्वारा दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 के दौरान पड़ने वाली सर्दी का अनुमान लगाया गया है। जिसके अनुसार उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों, दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों और हिमालय की तलहटी के कुछ क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक होने की संभावना है। वहीं उत्तरी आंतरिक प्रायद्वीप की बात करें तो इधर के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे तक जा सकता है। सिर्फ उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों को छोड़कर जहां अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक होने की संभावना है।
ला नीला की स्थिति है कमजोर
मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल भू-मध्यरेखीय प्रशांत महासागर क्षेत्र में ला नीना की स्थिति कमजोर बनी हुई है। जिससे नवीनतम मानसून मिशन युग्मित पूर्वानुमान प्रणाली से संकेत मिलता है। जिसके अनुसार आगामी सर्दियों के मौसम के दौरान ला नीना की स्थिति मजबूत होगी। इसके मध्यम परिस्थितियों में रहने की संभावना है।
साल के आखिरी में बढ़ सकता है शीत लहर का प्रकोप —
मध्यप्रदेश के मौसम की बात करें तो यहां सामान्य तौर पर दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में अच्छी ठंड का असर देखने को मिलता है। जबकि मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस दौरान करीब 15 दिन शीतलहर के होते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक महीने पहले से ठंड आने और नवंबर के अंत में कोहरे के कारण ठंड बढ़ने से दिसंबर और जनवरी में शीतलहर और अति शीतलहर बढ़ सकती है।