Tattoo Rules in India:। टैटू tattoo बनवाना आजकल एक फैशन बन गया है। जिसे देखिए टैटू बनवाकर घूम रहा है। लेकिन जो लोग सेना में join indian army जाने की तैयारी कर रहे होते हैं, वे गलती से भी टैटू नहीं बनवाते हैं। अगर कोई टैटू गुदवा कर सेना indian army में भर्ती होना चाहता है उसे मेडिकल टेस्ट में फेल कर दिया जाता है। अब सवाल उठता है कि सिर्फ टैटू के कारण उन्हें मेडिकल टेस्ट में क्यों फेल कर दिया जाता है? चलिए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।
इस कारण से सेना में टैटू प्रतिबंधित है- Tattoos are banned in the army for this reason
मालूम हो कि अगर आपने बॉडी पर टैटू गुदवाया है, तो आप सेना ही नहीं, बल्कि अन्य फोर्स tattoo rules for jobs में भी भर्ती नहीं हो सकते हैं। सेना की तरह नेवी tattoo rules for navy, एयरफोर्स tattoo in air force, अर्धसैनिक बल और पुलिस में भी टैटू पर प्रतिबंध है। जानकारों की मानें तो पुलिस हो या आर्मी, जब आप भर्ती होते हैं तो आपको एक खास ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए ऑफिसर्स कड़ी मेहनत करते हैं। साथ ही उसकी ट्रेनिंग में लाखों रूपये खर्ची भी होते हैं। ऐसे में अगर ट्रेनिंग पास करने वाले युवक को टैटू की वजह से कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो उसकी ट्रेनिंग का खर्च और ऑफिसर्स की मेहनत बेकार हो जाएगी। इसी चीज से बचने के लिए सेना या पुलिस में टैटू को प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि कुछ और भी कारण हैं जिसके चलते सेना में टैटू को प्रतिबंधित किया गया है। बाकी चीजों को हम लास्ट में बताएंगे, पहले आप ये जान लिजिए की डॉक्टर टैटू को लेकर क्या कहते हैं?
डॉक्टर टैटू को लेकर क्या कहते हैं?- What do doctors say about tattoos?
डॉक्टर भी टैटू को सेफ नहीं मानते हैं। मेडिकल कॉलेज में चर्मरोग विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर ममता भूरा बताती हैं कि टैटू बनवाने के बाद एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा हमेंशा बना रहता है। जो आगे चलकर स्किन कैंसर और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बन सकता है। जब हम टैटू बनवाते हैं तो हमे ये पता नहीं होता कि जिस निडिल से हम टैटू बनवा रहे हैं वो स्टेरलाइज है या नही। इसके अलावा टैटू बनाने में जीस इंक का प्रयोग किया जा रहा है उसमें कोई केमिकल तो नहीं मिला है? हम इन चीजों को पहले से नहीं जा रहे होते हैं।
कुछ लोग मजबूरी में भी करवाते हैं टैटू- Some people get tattoos even under compulsion
गौरतलब है कि बॉडी पर टैटू गुदवाने का ट्रेंड भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है। पहले यह दिल्ली, मुंबई या कुछ अन्य बड़े शहरों तक ही सीमित था। लेकिन अब ये छोट शहर और अन्य मैट्रो सिटीज तक भी पहुंच गया है। खासकर लड़कों की अपेक्षा लड़कियों में टैटू बनवाने का क्रेज काफी ज्यादा है। भारत में इस वक्त तीन तरह के टैटू बनाए जाते हैं। पहला ट्राइबल, दूसरा पोट्रेट और तीसरा जेपेनीज टैटू बनाए जाते हैं। वैसे तो ज्यादातर लोग शौक में टैटू गूदवाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मजबूरी में भी टैटू बनवाते हैं। जैसे जिनके शरीर में सफेद दाग होता है। वो दाग को छुपाने के लिए भी टैटू गदवा लेते हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि सफेद दाग को खत्म करने के इलाज में खर्ज ज्यादा होता है। इसलिए लोग टैटू बनवा लेते हैं। इससे उनका दाग भी छुप जाता है और उनके रूपए भी बच जाते हैं।
वहीं सेना में टैटू बैन के और कारणों की बात करें तो मुख्यत: तीन कारणों से इसे सेना में प्रतिबंधित किया गया है।
- पहला स्वास्थ के कारण-जैसा की मैंने आपको पहले ही बताया कि टैटू खतरनाक त्वचा रोग, तथा गंभीर रक्त जनित बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा टैटू से एचआईवी, हेपेटाइटिस ए और बी, टेटनस, एलर्जी, आदि का खतरा बढ़ जाता है। अगर कोई व्यक्ति सेना में इन चीजों से ग्रसित होता है तो वो अपने दूसरे साथियों को भी बीमार कर सकता है। इसलिए पहले ही ऐसे लोगों को बैन किया जाता है।
- दूसरा कारण, अनुशासन- टैटू एक प्रकार से स्वतंत्रता और व्यक्तित्व-विशेष का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन किसी भी सुरक्षा बल में नियमों और अनुशासन का महत्व सबसे अधिक होता है। वहां किसी व्यक्ति-विशेष को नहीं, बल्कि टीम को तवज्जो दी जाती है।
- तीसरा कारण, सुरक्षा से संबंधित मुद्दा- संकट की स्थितियों (जैसे युद्ध आदि) में, इन शरीर के निशानों का उपयोग दुश्मन द्वारा आपकी पहचान करने और फिर निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। यही कारण है कि सैनिक युद्ध के समय अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सलामी नहीं देते हैं। एक दुश्मन स्नाइपर की कल्पना करें, जिसे बताया गया है कि उसे उस दुश्मन अधिकारी को गोली मारनी है जिसके चेहरे या गर्दन पर एक विशेष टैटू है। यह ऐसी चीज है जिससे सशस्त्र बल बचने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि सभी सैनिक एक समान वर्दी पहनते हैं। झुंड से अलग दिखना आपको जोखिम भरी स्थिति में डालता है