भोपाल। राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (POLICE COMMISSIONER SYSTEM) एक-दो दिन में लागू हो सकता है। सीएम शिवराज की आज शाम इसे लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें विचार-विमर्श के बाद इसे हरी झंडी दी जा सकती है।
भोपाल के 32, इंदौर के 34 थाने शामिल
पुलिस कमिश्नर सिस्टम भोपाल के 32 जबकि इंदौर के 34 थाना क्षेत्रों में लागू किए जाने की तैयारी चल रही है। खास बात ये है कि इसमें देहात के थाने शामिल नहीं होेंगे। दोनों शहरों की नगर निगम सीमा में आने वाले थाना क्षेत्रों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा।
कैबिनेट, विधानसभा में नहीं आएगा प्रस्ताव
कमिश्नर सिस्टम की सीएम शिवराज से मंजूरी मिलते ही इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। इसके बाद कैबिनेट और विधानसभा की इसके लिए मंजूरी लेने की जरुरत नहीं होगी। नोटिफिकेशन जारी होते ही अधिकारियों की पोस्टिंग कर दी जाएगी।
क्राइम ब्रांच, ट्रैफिक के लिए अलग-अलग डीसीपी
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के साथ ही ट्रैफिक और क्राइम ब्रांच के लिए अलग-अलग डीसीपी की नियुक्ति की जाएगी। क्राइम ब्रांच को गंभीर आपराधिक मामलों की जांच और छानबीन का काम सौंपा जाएगा। दूसरी ओर शहर की यातायात व्यवस्था को ठीक रखने का जिम्मा ट्रैफिक डीसीपी के पास रहेगा।
सीएम शिवराज ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नंवबर को ही भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। इसके अगले ही दिन पुलिस मुख्यालय ने ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया था।
कमिश्नर सिस्टम में पुलिस के अधिकार
1. पुलिस अब खुद कानून-व्यवस्था को लेकर धारा 144 या कर्फ्यू लगा सकेगी।
2. शांति भंग होने की आशंका में किसी को भी गिरफ्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज सकती है।
3. गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और पशु क्रूरता एक्ट के मामले में पुलिस सीधी कार्रवाई कर सकेगी।
4. जेल से जुड़े फैसले लेने का सीधा अधिकार पुलिस को मिलेगा।
5. संगठित अपराध और समाज विरोधी कामों के खिलाफ पुलिस सीधे एक्शन ले सकेगी।
6. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत पुलिस को सीधे कार्रवाई का अधिकार मिल जाएगा।
7. धरना-प्रदर्शन, रैली की अनुमति देने नहीं देने का पुलिस के पास अधिकार रहेगा।
8. सरकारी गोपनीयता भंग करने वालों पर पुलिस सीधे कार्रवाई कर सकेंगी।
9. लाठीचार्ज की अनुमति कलेक्टर से नहीं लेनी होगी।
10. प्रतिबंधात्मक धाराओं में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पुलिस कोर्ट से होगी।
11. जिलाबदर की कार्रवाई से जुड़े फैसले भी पुलिस अपने स्तर पर ले सकेगी।