लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि सामूहिक विवाह कार्यक्रमों से बाल विवाह पर रोक लगती है और दहेज की कुप्रथा पर भी इससे अंकुश लगता है। गोरखपुर मंडल के गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिले के 2,503 जोड़ों के लिए सोमवार को कुशीनगर में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने , ‘जब सामूहिक विवाह कार्यक्रम के माध्यम से कोई कन्या वैवाहिक बंधन में बंधती है तो दो चीजें होती हैं, एक तो बाल विवाह नहीं हो सकता और दूसरा दहेज की कुप्रथा पर भी प्रहार होता है।’
उन्होंने दावा किया, ‘हमारी सरकार में अपने-पराए का भेद समाप्त हुआ है। आज का ये सामूहिक विवाह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास’ का परिणाम है।’ उन्होंने पूर्ववर्ती सपा और बसपा की सरकारों को लक्ष्य करते हुए कहा, ‘पिछली सरकारों में सरकार की योजनाओं का लाभ न किसान को और न ही युवाओं को मिल पाता था लेकिन 2017 के बाद प्रदेश के अंदर हर गरीब को शासन की योजनाओं के साथ जोड़ा गया और उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।’’
योगी ने कहा कि 2503 कन्याओं के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कन्यादान की रस्म को देखने का लोगों को अवसर मिला है और इसमें न जाति, न मत और मजहब, न क्षेत्र और न भाषा का भेद है। विभागीय योजना के अंतर्गत जो भी आया, उन्हें इसका लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस सामूहिक विभाग के लिए श्रम विभाग और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रयासों की सराहना की और नव वर वधुओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि जिनके अभिभावक इस बात के लिए चिंतित होते थे कि शादी में खर्च होने वाली इतनी बड़ी रकम कहां से लाएंगे, इस पर उप्र सरकार के श्रम और सेवायोजन विभाग ने पूरे कार्यक्रम को जितने भव्य तरीके से संपन्न किया है वह अभिनंदनीय है।