नई दिल्ली। भारत में करीब 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते और 91 लाख आवारा बिल्लियां हैं और देश की 77 प्रतिशत आबादी का कहना है कि वे सप्ताह में कम से कम एक बार आवारा कुत्ते को देखते हैं। एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। ‘द स्टेट ऑफ पेट होमलेसनेस इंडेक्स डेटा फॉर इंडिया’ के आंकड़ों ने आवारा पशुओं की बढ़ती आबादी का भी खुलासा किया, जो देश के ‘ऑल पेट्स वांटेड’ के स्कोर में नीचे है। कुल मिलाकर, भारत ने 10 अंकों के पैमाने पर 2.4 अंक हासिल किए।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘लगभग 68 प्रतिशत (लगभग 10 में से 7) आबादी का कहना है कि वे सप्ताह में कम से कम एक बार एक आवारा बिल्ली देखते हैं, जबकि लगभग 77 प्रतिशत (10 में 8) का कहना है कि सप्ताह में कम से कम एक बार वे एक आवारा कुत्ते को देखते हैं।’’ नए सूचकांक के अनुसार देश में लगभग आठ करोड़ आवारा बिल्लियां और कुत्ते हैं, जिनमें 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते और 91 लाख आवारा बिल्लियां शामिल हैं। साथ ही शेल्टर होम में 88 लाख आवारा कुत्ते और बिल्लियां हैं। सूचकांक में यह भी कहा गया है कि भारत में 85 प्रतिशत पालतू पशु परित्यक्त हैं।
भारत में सामान्य आबादी के 61 प्रतिशत का कहना है कि वे दूरी, प्रतिष्ठा या सुविधाओं जैसे व्यावहारिक कारणों से पशु चिकित्सक के पास नहीं जाते हैं। यह वैश्विक औसत 31 प्रतिशत से काफी अधिक है और सूचकांक के अनुसार यह ‘ऑल पेट्स केयर फॉर’ स्कोर को नीचे ले जाता है। इस विषय पर भारत में पशु अधिकारों की वकालत करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) की गौरी मुलेखी ने कहा कि भारत में हर 100 लोगों पर कम से कम तीन आवारा कुत्ते हैं और उन्होंने परित्यक्त जानवरों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में अनुमानित 7.5 करोड़, अमेरिका में 4.8 करोड़, जर्मनी में 20.6 लाख, ग्रीस में 20 लाख, मेक्सिको में 74 लाख, रूस और दक्षिण अफ्रीका में 41 लाख और ब्रिटेन में 11 लाख बेघर कुत्ते और बिल्लियां हैं।